शुक्रवार को अलविदा की नमाज पूरे जिले में जोशो खरोश से पढ़ी गयी । इस दौरान अधिकारियों में भी काफी मुस्तैदी देखी गयी। कहीं पर कोई अप्रिय घटना न हो जाये इसे लिये पूरा प्रशासनिक महकमा परेशान दिखायी दिया। चिलचिलाती धूप में वे अधिकारी भी दिखायी दिये जो अपनी आफिस से बाहर भीषण गर्मी में दिखायी नहीं देते हैं। पुलिस महकमा भी काफी चौकन्ना रहा।
गोपीगंज में हाईवे पर वाहनों का आवागमन रोक दिये जाता है। सड़क पर नमाज को लेकर कहीं से कोई आवाज न उठे इसके लिये पुलिस प्रशासन काफी चौकन्ना रहता है। सबसे बड़ी जिम्मेदारी गोपीगंज कोतवाल की थी क्योंकि उन्हीं के कार्यक्षेत्र में यह हाईवे पड़ता है। रात 4 बजे गस्त से लौटे इंस्पेक्टर सुनील वर्मा पलक भी झपका नहीं पाये थे कि नहा धोकर फिर तैयारियों का जायजा लेने निकल पड़े। उपर से आ रहे फोन का जवाब भी देना पड़ रहा था।
दिनभर कड़ी धूप में भागदौड़ करते करते हालत पस्त थी किन्तु ड्यूटी तो निभानी ही थी। किसी तरह नमाज का समय व्यतीत हुआ और कोतवाल साहब ने लंबी सांस लेते हुये अस्पताल की तरफ रवाना हो गये। क्यों कि सुबह से चल रही भागदौड़ में उनकी हालत पस्त हो चुकी थी। फिलहाल कोतवाल सुनील वर्मा का इलाज सीएचसी गोपीगंज में चल रहा है।