Home मुंबई “जल्लाद” शब्द को लेकर कृपाशंकर सिंह ने लिखा राष्ट्रपति को पत्र

“जल्लाद” शब्द को लेकर कृपाशंकर सिंह ने लिखा राष्ट्रपति को पत्र

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मुंबई। अपराधियों को फांसी देने वाले व्यक्ति को जल्लाद कहे जाने पर उसे अपमानजनक बताते हुए महाराष्ट्र के पूर्व गृहराज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को पत्र लिखकर जल्लाद शब्द के बदले किसी सम्मानजनक शब्द का प्रयोग किए जाने की अपील की है। कृपाशंकर सिंह ने पत्र में लिखा है कि न्यायाधीश द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने के बाद जल्लाद द्वारा उनके निर्णय को असली जामा पहनाया जाता हैं। देखा जाए तो जल्लाद ही दुर्दांत अपराधियों को मौत के घाट उतारने का काम करते हैं।ऐसे में उस व्यक्ति को जल्लाद की संज्ञा देना कम से कम आजादी के बाद तो बिल्कुल ठीक नहीं है।

उन्होंने लिखा है कि समाज में प्रचलित जल्लाद शब्द पर यदि हम गौर करें तो जल्लाद, उसी व्यक्ति को कहा जाता है जो अमानवीय, निर्दयी तथा अत्यंत क्रूर होता है। किसी को जल्लाद कहना उसका खुला अपमान समझा जाता है। वह व्यक्ति जो न्यायाधीश के निर्णय को क्रियान्वित करता है ,समाज के खतरनाक व्यक्तियों को फांसी द्वारा मौत के घाट उतारता हैं, जल्लाद कहना सर्वथा अनुचित है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल विकलांग व्यक्तियों के लिए दिव्यांग शब्द का प्रयोग किया जो पूरी तरह से स्वीकार कर लिया गया है। ठीक इसी तरह जल्लाद शब्द को सम्मानजनक शब्द के रूप में बदला जाना चाहिए। आज भारत में सिर्फ 6 जल्लाद है। अपराधों का ग्राफ जिस तेजी से बढ़ रहा है , आने वाले दिनों में फांसी देने वालों की संख्या में इजाफा होना तय है। ऐसे में फांसी देने वाले व्यक्तियों की संख्या में भी इजाफा जरूरी है। जल्लाद शब्द को क्रिमिनल हैंगिंग ऑफिसर ( सीएचओ) जैसे सम्मानजनक शब्दों के रूप में परिवर्तित किए जाने की सख्त आवश्यकता है।

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