जनपद जौनपुर के मडियॉहूं थाना क्षेत्र के पाली ग्रामसभा का निवासी 58 वर्षीय अविवाहित कृपाशंकर मिश्र बिजली के करंट लगने से विकलांग हो गये है। 25 वर्ष पहले करंट लगने के दौरान इलाज में इनकी सारी जमीन बिक गयी और ये पूरी तरह से भूमिविहिन हो गये।
वर्तमान समय में लगभग 80% विकलांग कृपाशंकर के पास आय का कोई भी स्रोत नहीं है । इनको किसी भी तरह का कोई सरकारी मदद भी नहीं मिलती। तहसील में इन्होंने आय प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था,परंतु आज के भ्रष्टाचारी परिवेश में तो गरीबी सिद्ध करने के लिए भी पैसा देना पडता है और पैसें न देने के कारण 54000/ रूपये वार्षिक आय का प्रमाणपत्र जारी हुआ जो कि सरासर अन्यायपूर्ण है।जहॉ एकतरफ भुमिधरों को 36000 रूपयें वार्षिक का प्रमाणपत्र मिल रहा है वही एक विकलांग भुमिविहिन को गरीबी रेखा से उपर वाला आयप्रमाणपत्र जारी करना कहॉ का न्याय है? प्रमाणपत्र में स्पष्ट रुप से आय का स्रोत कृषि दर्शाया गया है जबकि व्यक्ति के पास कृषि योग्य भुमि ही नही हैं।