भदोही। पुलिस के समक्ष आने वाले मारपीट के मामले में अधिकतर मामले जमीन विवाद से जुड़े होते हैं। राजस्व कर्मियों की लापरवाही और स्वार्थनीति के चलते गांवों में निरंतर विवाद बढ़ रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी ऐसे मामलों की अनदेखी करके विवादों को और भी हवा देते हैं। जमीन की पैमाईस करने वाले लेखपाल इसे अपनी कमाई का जरिया बना लिये हैं। ऐसे ही एक मामले में केन्द्रीय सचिवालय में तैनात और जिले के जमुनीपुर अठगवां निवासी रमेश कुमार दूबे ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर शिकायत की है।
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भेजे गये पत्र में उन्होंने लिखा है कि मोढ़ (भदोही) के लेखपाल (शुभम ओझा) द्वारा मोढ़ के हर गांव में एक-दो मध्यस्थ (दलाल) पाल रखे हैं। सैकड़ों साल पहले बसे गांवों में जैसे ही कोई व्यक्ति शौचालय या भवन निर्माण शुरू करता है वैसे ही दलाल के जरिए उन्हें सूचना मिल जाती है। सूचना मिलते ही लेखपाल महोदय स्थानीय पुलिस को लेकर पहुंच जाते है। वे खसरा देखकर बताते हैं कि यह निर्माण तालाब या ग्राम समाज की भूमि पर हो रहा है इसलिए अवैध है। योगी सरकार की सख्ती का हवाला देकर वे कहते हैं कि यदि इस जमीन पर निर्माण कार्य किया गया तो पूरे गांव के घर गिरवा दूंगा।
निर्माण कार्य रूकवाने के बाद लेखपाल महोदय संबंधित व्यक्ति को बाजार में आकर मिलने को कहते हैं और दलाल के जरिए हजारों रूपये की वसूली करते हैं। इतना ही नहीं यदि कोई भूमिहीन ग्राम समाज स्थित तालाब से घरेलू उपयोग हेतु 10-20 तसला मिट्टी भी निकालता है तब भी लेखपाल महोदय पुलिस लेकर पहुंच जाते हैं और धमकी देकर वसूली करते हैं। लेखपाल महोदय के इस कृत्य से पूरे मोढ़ ग्राम सभा में रोज नए-नए विवाद पैदा हो रहे हैं और गांव में दुश्मनी बढ़ रही है। शुभम ओझा गांव में दुश्मनी पैदा कर दोनों पक्षों से वसूली कर रहे हैं जिससे लोगों दहशत व्याप्त है।
कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराकर लेखपाल महोदय के खिलाफ उचित कार्रवाई करें ताकि गांवों में शौचालय, नए आवास, पुराने मकानों का नवीनीकरण आदि का कार्य ठप न पड़े। सबसे बढ़कर लेखपाल महोदय की वसूली से मोदी-योगी सरकार बदनाम न हो।