सत्यापन के नाम पर ग्राम प्रधानों को भयाक्रान्त करने में लगे अधिकारियों के खिलाफ सदर विधायक रवीन्द्रनाथ त्रिपाठी खुलकर सामने आ गये और ग्राम प्रधानों को भयाक्रान्त न होने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत स्वयं में एक कार्यदायी संस्था है। उसकी जांच किसी की शपथपूर्वक दिये गये शिकायत पत्र पर जिलाधिकारी ही करा सकते हैं। अन्य कोई नहीं।
उन्होंने ब्लाक में जिलाधिकारी की मौजूदगी में ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों की बैठक कराने का अश्वासन दिया। जिसमें विभिन्न विषयों पर विचार किया जायेगा। और प्रतिनिधियों अधिकारियों द्वारा ही उनके अधिकार, दायित्व और ग्राम प्रतिनिधियों अधिकारियों द्वारा उनके अधिकार दायित्व और उनकी अहमियत स्पष्ट की जायेगी।
बताया कि उक्त बैठक ब्लाक प्रमुख की अध्यक्षता में ब्लाक सभागार भदोही में आयोजित होगी। उन्होंने जिले के विभागीय अधिकारियों को भी आगाह किया कि गलत मंशा से ग्राम प्रधानों को भयाक्रान्त करना उचित नहीं माना जायेगा।
हुआ यह कि भदोही ब्लाक के आधा दर्जन ग्राम प्रधानों को जिला पंचायत राज अधिकरी के एक पत्र के हवाले से वीडियों द्वारा कार्यो के सत्यापन का पत्र जारी किया गया था। जिससे प्रधानों हड़कम्प मच गया। शनिवार को पचासों की अधिक संख्या में ग्राम प्रधान विधायक श्री त्रिपाठी से मिलने उनके गृहग्राम चौगुना तड़के ही पहुंचे थे। विधायक ने उनकी समस्या सुनी और मौके से ही वीडीओ को फोन कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली। साथ ही प्रधानों का सत्यापन पत्र से भयाक्रान्त न होने की सलाह दी। बावजूद प्रधान डटे रहे तो उन्होंने भदेाही आकर उनके बीच समस्या सुनने का अयवासन दिया।
दोपहर बाद कृष्णा रेस्टोरेंट पहुंचे विधायक श्री त्रिपाठी ने मौके पर जुटे सौ से अधिक ग्राम प्रधानों को सत्यापन से भयमुक्त किया और बताया कि बिना किसी की शिकायत किये उनकी निरर्थक जांच नहीं होगी। उक्त आश्वासन उन्होंने पत्रकारों के बीच दिया। इस दौरान उन्होंने सरकार की अनेक योजनाओं का तेजी से कार्यो पर भी प्रकाश डाला। बताया कि वरूणा की खोदाई के लिये 8 करोड़ स्वीकृत किये गये हैं। छितौना और चौगुना घाट पर पुल निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। इसके अलावा हरदुआ, रामनगर, बदलपुर साड़ा और मधुपट्टी विजयगिर घाट पर पुल बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।