Home गुजरात सुरक्षा मानकों की अनदेखी से गयी 30 उत्तर भारतीय मजदूरों की जान

सुरक्षा मानकों की अनदेखी से गयी 30 उत्तर भारतीय मजदूरों की जान

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गुजरात पिछले कई वर्षों से विकास के पथ पर जो आयाम हासिल किया शायद वो सिर्फ एक भ्रम है क्यों की सूरत शहर के डाईंग मीलो की जो अवस्था है वो काफी दयनीय है मील मालिक मुनाफे की वजह से मील में रहने वाले सुरक्षा मानक की धज्जियां उड़ा रहे है। सूरत के पांडेसरा से सचिन तक के लगभग सभी मिलो में सुरक्षा के लिए जो संसाधन होने चाहिए वो सिर्फ राम भरोसे है।क्योंकि उसमें काम करने वाले अधिकतर उत्तर भारतीय है जिनकी सुरक्षा के लिए मील मालिक गैर जिम्मेदाराना ढंग से काम कर रहे है।

शुक्रवार की रात जहाँ शालू मील का बोईलर फटने से उसकी तीन मंजिला छत गिरने से करीब तीस मजदूरों की जान चली गयी। वही मील का प्रोडक्शन न रुके इसके लिए शालू मील के ठीक सामने मारुति मिल के मालिक ने अपनी मील को चालू रखा। सूरत के मील मालिक इतने बेदर्द है कि दोनों मीलो के गेट एक दूसरे के आमने सामने है और वही एक मील में महज कुछ घंटों पहले से मौत का एक मंजर छाए हुए है जबकि दोनों मीलो के गेट के बीच का अंतर महज एक 60 फ़ीट चौड़े रोड का है ।

सूरत शहर के आला अधिकारी घटना स्थल पर मौजूद है आम आदमी छोड़ो एक मीडिया कर्मी को भी उसके गेट तक जाने की अनुमति नही है दोनों मीलो के गेट सामने से बंद है फिर भी मारुति मिल को चालू रखने के लिए मजदूरों को पीछे के गेट से अंदर पहुचाया गया। पर एक कहावत है न कि जब आप किसी के लिए कुंवा खोदोगे तो आपके लिए मढाढ़ खुद खुदेगा वही बात हुई मारुति मील में भी ये तो ठीक था कि वहाँ पहले से ही फायर ब्रिगेड और दमकल की गाड़ियां थी विजली काट दी गयी थी

फिर भी जनरेटर चालू करके मारुति मील को चालू किया गया सुबह 9 बजे से दिन पाली के मजदूर मील के अंदर घुस कर अपने अपने मशीन तक पहुचे ही होंगे कि पता चला मारुति मील में भी भयंकर आग लग गयी है ।वहाँ उपस्थित तमाम अधिकारी और सामाजिक संगठन के लोगो द्वारा मील के कर्मचारियों पर दबाव बनाकर मजदूरों को समय रहते मील से बाहर निकाल लिया गया नही तो 6 घंटे के अंदर ही एक और बड़ी घटना हो जाती।

आग इतनी भयानक थी कि कुछ ही पलों में मारुति मील का ऊपरी छत गिर पड़ा और आग पूरे मील को अपने कब्जे में ले लिया ।वहाँ उपस्थित एक N G O(श्री कष्ट भंजन समिति) के प्रेजिडेंट विकास मिश्रा जी ने बताया कि वर्तमान में हर मीलो की यही दशा है ।जब सामने इतनी बड़ी घटना हुई है तो मील बन्द रखना चाहिए था पर बन्द रखते तो मील को नुकसान होता ये बर्दास्त नही कर पाते मील मालिक चाहे किसी जान चली जाय पर मील चलनी चाहिए । जो भी हो आज की ये दो घटनाये हृदय को हिला कर रख दी है अब प्रशासन की बारी है कि भविष्य में ऐसी घटना न हो उसके लिए किस प्रकार के ठोस कदम उठाए जाते है।

शालू मील के कोई भी अधिकृत अभी तक 30 मौतों की पुष्टि खुल कर नही किये है । हमारे उत्तर भारतीय समाज के अग्रणीय मुन्ना तिवारी जी से फोन पर बात हितो उन्होंने 25 से 30 लोगो के मरने की आशंका जताई है और करीब 150 लोगो के घायल होने की बात कही जिनका इलाज सूरत के सिविल अस्पताल में चल रहा है अस्पताल में हमार पूर्वान्चल के रिपोर्टर को इलाज कक्ष में जाने से रोक दिया गया पर अंदर के कुछ फोटो व्हाट्स एप्प द्वारा प्राप्त हुए है जो बहुत ही दर्द को बयां कर रही है।

अभी तक घायलों मे से किसी का नाम और पता सार्वजनिक नही किया गया है । इस बात को जब मुन्ना तिवारी जी को फोन से दी गयी तो वे तुरंत नवसारी सांसद सी आर पाटिल से मिलने के लिए गए। बात चीत में उन्होंने बताया कि अब उत्तर भारतीय समाज उचित कार्यवाही न होने पर इसका विरोध करेगी ।शालू मील के डायरेक्टर घायलों और मृतकों की पुष्टि करे और उनको उचित मुवावजा भी दे।

अब प्रशासन इस बात को कितना गंभीरता से लेता है मील मालिक के साथ जाता है या उचित कार्यवाही करता है क्या उत्तर भारतीय समाज के अग्रणीय इस बात को गंभीरता से लेते है या फिर मामले को कुछ दिनों की तेजी देकर दबा दिया जाता है ।क्या सी आर पाटिल जी इसको गंभीरता से लेंगे देखने वाली बात होगी ।

यदि मील में सुरक्षा मानक को सही तरीके से पालन किया गया होता तो शायद आज इतनी बड़ी घटना न होती किंतु घटनाये भी एक सिख देती है ।देखने वाली बात होगी कि क्या जितने भी मिल जर्जर है उनको सुधारा जाता या फिर ऐसे ही राम भरोसे मजदूर लोगो की जान को खतरे में डाला जाएगा ताकि एक और हृदय विदारक घटना घटे।

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