Home भदोही विरोध शेर का होता है सियार का नही- चन्दूलाल चन्द्राकर

विरोध शेर का होता है सियार का नही- चन्दूलाल चन्द्राकर

हमार पूर्वांचल
हमार पूर्वांचल

भदोही:जनपद में आजकल भाजपा के कुछ नेता अपनी व्यथा कहने के लिए सोशल मीडिया को अच्छा माध्यम बनाये है। कुछ दिन पहले औराई के विधायक दीनानाथ भाष्कर ने अपनी बात सोशल मीडिया के माध्यम से रखी तो बुधवार को भाजपा में खास चेहरा चन्दूलाल चन्द्राकर ने अपनी बात सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के सामने अपने कार्यों व हुई साजिशों का जिक्र किया।
चन्दूलाल चन्द्राकर ने लिखा कि आज कल मेरे खिलाफ लेख लिखे जा रहे है, लिखवाने वाले  को मै धन्यवाद देना चाहता हूं। इसी बहाने मुझे अपने बारे मे लिखने का अवसर मिलता है। कहा कि विरोध शेर का होता है सियार का नही। एक नेता के बारे में लिखा कि
जिसने मनुवाद मनुवाद चिल्लाया, जिसने हिन्दू धर्म को ढकोसला बताया, जिसने प्रभु श्री रामचन्द्र जी के बारे मे अनाप-शनाप बोला, जिसने तिलक तराजू और तलवार के नारे का सपोर्ट किया। जिसने भाजपा कार्यकर्ताओ को प्रताड़ित किया जिसके खिलाफ केन्द्रीय गृह मंत्री ने धरना दिया हो, जब वह भाजपा मे आ रहा था तब किसी ने उसका इतना विरोध नही किया। साथ में जोड़ते हुए कहा कि भैया कलयुग है कर्म नही पैसा बड़ा होता है।
चन्दूलाल ने कहा कि रही बात मेरी तो मै भाजपा मे उस समय से कार्य कर रहा हूं जब ऐसे लोग मुझे दलित विरोधी मनुवादियों का सपोर्टर और गुलाम कहते थे। उनके निगाह मे उस समय भी मै आतकंवादी ही था, और जब ऐसे लोग भाजपा मे आ गये तो भी इनके निगाह मे मै आतकंवादी ही हूं। कहा कि मै चन्दू लाल चन्द्राकर भाजपा मे 23 वर्षो से कार्य कर रहा हू। 22 हजार दलित और पिछड़ो को भाजपा का सदस्य बनाया, जिला के गठन मे सक्रिय सदस्यो कि संख्या कम हो रही थी। तत्कालीन संगठन महामंत्री (काशी क्षेत्र के) श्री चन्द्रशेखर जी के निर्देश पर उन 22 हजार लोगो मे से 350 लोगो को सक्रिय सदस्य बनाया। इसके बाद भी मुझे कोई पद नही मिला। और ना ही औराई से मुझे टिकट मिला। और सभी साक्षी हैं भाजपा के बड़े नेता और कार्यकर्ता, भाजपा के सभी कार्यक्रमो मे हमारी संख्या सबसे ज्यादा रहती थी। रे साथ हुए अन्याय को लेकर 24 घण्टे के लिए मैने बगावत किया। और अपनी गलती मानते हुए चुनाव के वक्त ही संगठन महामंत्री आदरणीय श्री रत्नाकर जी से माफी मांग लिया और ज्ञानपुर विधान सभा मे मेरा घर पड़ता है। मेरे बूथ पर सबसे ज्यादा दलित यादव और मुसलमान है। और सबसे ज्यादा मत भाजपा को पड़वाया। मेरे उस गलती को लेकर प्रदेश नेतृत्व ने मुझे कारण बताओ नोटिस जारी किया। मैने उसका जबाब लगाया। प्रदेश नेतृत्व ने मेरे उस जबाब से संतुष्ट होकर मेरे खिलाफ जारी नोटिस को निरस्त कर दिया। उस बार हमने 22 हजार सदस्य बनाया था और इस बार हमने 2000 सदस्य बनाया है। विरोधी तो मेरे कर्मो और संघर्षो से डरते है।

1 COMMENT

  1. चंदूलाल जी भाजपा के संघर्ष कार्यकर्ताओ में से एक है l

Leave a Reply