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छत्तीसगढ की साहित्यक यात्रा -अलका पाण्डेय

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संस्मरण – अलका पांडे

गीतांजलि एक्सप्रेस से हमारी दुर्गे के लिए टिकट बुकिंग हुई थी लेकिन वेटिंग लिस्ट में वेट करते रह गई, उसके बाद एक टिकट दुरंतो से भी बुकिंग कराई गई वो भी कन्फर्म नहीं हो पाई मन हातास हो गया एक बार तो यह सोचा कि क्यों ना इस यात्रा को स्थगित कर दिया जाए ,जैसे ही यह विचार मन में आता है रजनी साहू का चेहरा मेरी आँखों में घूम जाता है और मेरी सोच बदल जाती है !रजनी ने अपनी पुस्तक के लोकार्पण के लिये बहुत प्यार और मनुहार से हम लोगों आमंत्रित किया है ! बड़ा उत्साह है हमें प्यार से ले जा रही है ,तो उसका कहीं मन उदास न हो जाए यह सोचकर में न जाने का विचार बदल देती हूं,मेरी छोटी बहन रजनी शाहू की पहली पुस्तक सहस्त्रधारा का लोकार्पण के लिये में किसी भी प्रकार पहुँचने के लिये तैयार हो गई ,मैंने सोचा यदि मैं न बोलूँगी तो कहीं उसे बुरा ना लगे यह सोचकर हम लोगों ने फ़्लाइट से पहुँचना तय किया तत्काल रजनी साहू नेफ़्लाइट की टिकट बुक की और हम लोग
सुबह 7बजे घर से निकलकर आठ बजे सांताक्रुज हवाई अड्डे पहुँचे वहाँ से ही इंडिगो एयरलाइन से हम इन्दौर पहूचे ,इंदौर में क़रीब तीन घंटों का इंतज़ार था तीन घंटे इंतज़ार के बाद हमें रायपुर की फ़्लाइट मिली और हम क़रीब साढ़े 4 बजे रायपुर एयरपोर्ट पर पहुँचे साफ सुथरा शहर सड़क के दोनो ओर पेड़ों की पंक्तिया
उनके पत्तों से खेलती ठंडी हवाओ का मधुर संगीत एक सुखद अनुभूति ।
एयरपोर्ट पर श्री टीकाराम साहू जी ने अपनी गाड़ी और ड्राईवर हमारे स्वागत के लिए भेजी थी हम उस कार में बैठकर चल दिये रास्ते में ही मेरी छोटी बहन अंजना बाजपेयी जी का निवास स्थान पडता था मारुति रेसीडेंसी – हम वहाँ कुछ समय रुक के जलपान किया और आगे की यात्रा दुर्ग के लिए रवाना हो गये रास्ते में हमें रायपुर की भीड़भाड़ , बाज़ार , और भिलाई इस्पात के कारख़ाने और यहाँ की ख़ूबसूरती को निहारतें हुये दुर्ग पहूचें , दुर्ग में रजनी साहू के निवास स्थान में पहुँचते ही श्रीमान टीकाराम साहू जी से मुलाक़ात हुई रजनी की माता श्री से मुलाक़ात हुई स्नेह और बड़े प्यार से उन लोगों ने हमारा आदर सत्कार किया क्योंकि दूसरे दिन हमें इस्पात नगरी भिलाई जिला दुर्ग में साहित्यिक संस्था सिरजन(सृजन) की ओर से सम्मानित किया जाना था साथ ही कविता पाठ भी करना था ।
छत्तीसगढ़ राज्य में साहित्यिक यात्रा का प्रथम पड़ाव इस्पात नगरी भिलाई जिला दुर्ग में साहित्यिक संस्था सिरजन(सृजन) की ओर से सम्मानित किया गया रजनी साहू को साहित्य सृजन सम्मान से सम्मानित किया साथ ही मुझे व पवन तिवारी जी को भी सम्मानित किया ।
दुसरा पड़ाव
दुर्ग जिले में इंडियन मेडिकल एशोसिएशन में रजनी साहू की पहली पुस्तक “सहस्त्र धारा” (का लोकार्पण समारोह रजनी के पिताजी श्री टीकाराम साहू जी (सत्यम शिवम सुन्दरम के संस्थापक ) द्वारा कुशल आयोजन से सम्पन्न हुआ ।इस कार्यक्रम में समारोह अध्यक्ष श्रीमती उषा अग्रवाल जी नागपुर से ,मुख्य अतिथि अकादमी पुरस्कार प्राप्त श्री पवन तिवारी जी, विशिष्ट अतिथि अग्निशिखा मंच मुम्बई की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती अलका पांडेय ,विशेष अतिथि श्रीमती सरला शर्मा,महासमुंद से श्री महेश राजा , वक्ता की भूमिका में दुर्ग जिला हिन्दी साहित्य समिति दुर्ग के अध्यक्ष श्री अरुण निगम और लोक कला एवं साहित्य सिरजन के अध्यक्ष श्री दीनदयाल साहू जी थे ।कार्यक्रम का मंच संचालन बस्तर पाति के सम्पादक श्री सनतकुमार जैन ने बड़ी कुशलता से किया ।सत्यम् शिवम् सुन्दरम् के संस्थापक श्री टीकाराम साहू जी ने
दुर्ग जिला हिंदी साहित्य समिति दुर्ग और सिरजन कला साहित्य के संयुक्त तत्वावधान में भव्य कवि सम्मेलन सम्पन्न कराया ।
दुर्ग,भिलाई,जगदलपुर,राजनांदगांव, नागपुर, गीदम आदि से लगभग ५० रचनाकारों ने काव्य पाठ किया। सभी अच्छे रचनाकारो को अग्निशिखा मंच ने अग्निशिखा साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया व उनके उज्जवल भविष्य के लिये आशिष दिया
इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी फिल्म मंद्राजी का पोस्टर रिलीज हुआ ।
फिर रात को ही हम लोग जगदलपुर के लिए बाय रोड रवाना हो गए जगदलपुर में आनंद होटल में हम लोगों ने सामान रखा और चित्रकूट घूमने के लिए चले गए चित्रकूट में पानी के झरने गुलमोहर के पेड़ श्रृंखलाबद्ध रूप मेंपूरी सड़क को आच्छादित कर रहे थे अपने सुंदर मोहक छटाओं से वहां के पहाण झरने कल कल बहता पानी का मधुर स्वर और प्राकृतिक आकर्षण इतना मन लुभावना था कि उसका वर्णन नहीं किया जा सकता वहाँ के प्राकृतिक छटा देखते ही मन प्रफुल्लित हो गया !
साहित्य यात्रा का अगला पड़ाव जगदलपुर के कामर्स चेम्बर मे सनतकुमार जैन जी के द्वारा सम्पन्न हुआ । यहाँ बड़े बड़े साहित्यकारो से मुलाक़ात हुई और बहुत अच्छे रचनाकारो की रचना सुनने का सौभाग्य मिला यहाँ पर विशिष्ठ साहित्यकारों को अग्निशिखा मंच ने अग्निशिखा साहित्य गौरव सम्मान दे कर सम्मानित किया कई वरिष्ठ साहित्यकारों की पुस्तक भेंट स्वरुप हमें प्रदान की गई जो हमारे लिये अविस्मरणीय पल रहा । अंत में सनतकुमार जैन ने रात्रि भोजन करा कर हमें विदा किया हम बहुत सारी यादें मन में समेटे अगली सुबह के इंतज़ार में होटल आंनद में रात्रि विश्राम के लिये गये ! इसी क्रम में एन.आइ.डी एस बचेली में अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच को सम्मानित कर समृति चिन्ह श्री केशरी लाल जी,श्रीमती शकुंतला शेडें ने अपनी संस्था की तरफ से भेंट किया
यह स्मृति चिन्ह संस्था के लिये बहुत गौरव का सम्मान रहा ।
फिर आगें गीदम मे श्री विशाल जैन ने नवोदित कवियों में उत्साह वर्धन के लिए मुम्बई से पधारे कवियों को सादर आमंत्रित किया ।उनका हाथो से बनाये पुष्पहार से स्वागत कर भाव भीभोर कर दिया , कार्यक्रम में 16वर्षीय नवोदित कवियत्री खुशबू का गीत सुनकर जो सुखद अनुभूति हुई उसे शब्दों में नहीं बतलाया जा सकता ।अपने छत्तीसगढ़ वासियों के स्नेह को महसूस कर बार-बार आंखें नम हो जाती थी।
बस्तर की संस्कृति पर्यटकों को देख आलोकिक आनंद की अनुभूति हुई ।चित्रकोट में भीषण गर्मी के बाद भी अपनी छटा बिखरने मे अपने प्रयास में पूरी तरह सफल था व गुलमोहर व धान के विशाल खेत बासों की वादियाँ , लकड़ी की कारीगरी ,नक़्काशी आंखो को आकर्षित करें बिना नही रहती ।
,वादियों में गूंजती आदिवासी लोक गीतों की ध्वनि मन मोह रही थी ।
तीर्थगढ के जल प्रपात ने अंतर्आत्मा को गीला कर दिया था जल प्रपात में स्नान पैरो से पानी में खेलना बचपना लौटा लाया था कैलाशसर की गहरी ठंडी गुफायें कुटुम्ब सर की विशाल लम्बी गुफा आखरी छोर में गहरा पानी का कुण्ड जहाँ की गहराई का यू अंदाज़ा लगाना मुश्किल है । विशाल घने जंगल अदभूत सौन्दर्य की पराकाष्ठा । फिर
हमने दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी देवी के दर्शन किये । शक्ति पीठ दंतेश्मेवरी माता की अनुकम्पा इसी तरह बनी रहे ऐसी प्रार्थना भी हम लोगो ने की ।
इस साहित्यिक यात्रा का अंतिम पड़ाव रायपुर में वृदावन हाल में श्रीमती अनिता शरदेन्दु झा जी के द्वारा भव्यता से सम्पन्न हुआ ।
मैं आप सभी के स्नेह के लिए ह्रदय तल से आभारी हूँ ।यहाँ पर कुछ लोगो का आभार व्यक्त किये बिना यह साहित्य व पर्यटक यात्रा पुरी नही होगी में सबसे पहले रजनी साहू जी व साहस्त्रधारा पुस्तक का विशेष रुप से साधुवाद देती हूँ जिन्होने यहीं आमंत्रित किया फिर बस्तर पाति के सम्पादक सनत कुमार जैन जिन्होंने अपना किमती समय हमें देकर बस्तर के स्थलों का भ्रमण करवाया श्री टीकाराम साहू जी जिनके आतिथ्य को में भूला नही सकती अनिता झा विशाल जैन विशेष आभार हमारे साथ मुम्बई से आये साहित्यकार पवन तिवारी जी जिन्होंने कई जगह सफल मंच संचालन किया व हर कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज कराई और बहुत से लोग जिन्होंने हमें प्यार व स्नेह दिया।

अलका पाण्डेय
9920899214

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