मछलीशहर: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले का एक प्रमुख नगर और व्यापारिक स्थान है। यह क्षेत्र पुरी तरह से किसानों व ग्रामीण इलाकों से घिरा हुआ है। यह उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में से एक है। मछलीशहर को तहसील का दर्जा प्राप्त है। नेशनल हाइवे 31 मछलीशहर से होकर गुजरता है जो पश्चिमी तरफ प्रतापगढ़ रायबरेली और लखनऊ को जोड़ता है। तो वही पूर्व मे वराणसी और दक्षिण मे भदोही प्रयागराज। मछलीशहर सुरक्षित लोकसभा सीट है जिसके अंदर पांच विधानसभा आती हैं। मछलीशहर में 80 से ज्यादा हाई स्कूल हैं। इस लोकसभा में कुल महिला मतदाता 865,121 और पुरुष मतदाता 1,026,789 है जिन्हें मिलाकर कुल मतदाता 1,891,969 हैं।
कुल 5 विधानसभा में से 3 सीट बीजेपी 1 सीट अपना दल के पास हैं
अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व केराकत विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी दिनेश चौधरी के पास हैं, वही पिंडरा भी बीजेपी के अवधेश सिंह विधायक हैं। वैसे पिंडरा वाराणसी जिले के अंतर्गत आता है, लेकिन यह मछलीशहर संसदीय क्षेत्र में शामिल है, जफराबाद विधानसभा से डा. हरेंद्र सिंह बीजेपी विधायक है,और मड़ियाहूं विधानसभा जहां से लीना तिवारी अपना दल पार्टी की विधायक है। विधानसभा चुनाव के परिणाम के आधार पर देखा जाए तो यहां पर बीजेपी की पकड़ मजबूत है। एक पर समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की है, यह मछलीशहर विधानसभा क्षेत्र है यहा से जगदीश सोनकर विधायक है।
मछलीशहर लोकसभा चुनावों का इतिहास रहा है रोचक
बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में 15 प्रत्याशियों के बीच जीत हासिल की थी। रामचरित्र निषाद ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी के भोलानाथ को 1,72,155 मतों के अंतर से हराया था। विजयी राम चरित्र निषाद 438,210 वोट 23 फिसदी वोट वही उनके प्रतिद्वंद्वी बसपा के बी.पी सरोज 266,055 वोट 14 फिसदी और समाजवादी पार्टी के तुफानी सरोज 191,387 वोट 10 फिसदी मिला था। 2009 के चुनाव में सपा के तूफानी सरोज ने जीत हासिल की थी जो 2014 के चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे थे विजयी तूफानी सरोज को 223,152 वोट 12 फिसदी बसपा के कमल कांत गौतम को 198,846 वोट 11 फिसदी और भाजपा के विद्यासागर सोनकर 146,031 वोट 8 फिसदी मिला था।
1962 मे पहली बार इस लोकसभा चुनाव मे विजयी काग्रेंस के गणपत राम 101,558 वोट 23 फिसदी जिसके प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय प्रत्याशी महादेव 79,630 वोट 18 फिसदी एवं गठबंधन प्रत्याशी शंभु नाथ को 54,044 वोट 12 फिसदी रही। तब से लेकर अब तक हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस यहां से 4 बार जीत चुकी है, उसे आखिरी बार यहां से 1984 में जीत मिली थी। इसके बाद उसे यहां पर पहली जीत का इंतजार है, जो कही संभव दिखाई नहीं देता। 1991 के बाद राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी ने अपना परचम लहराया पर यहां से शिव सरण शर्मा जनता दल के सासंद बने 1996 मे बीजेपी को जीत मिली तब उसके प्रत्याशी रामविलास वेदांती विजयी रहे थे। जो विजयी राम विलास वेदांती 215,684 वोट 17 फिसदी पाकर अपने प्रतिद्वंद्वी 43,130 वोटो से हराकर जनता दल के लाल बहादुर यादव पुत्र शिव गोविंद 172,554 वोट 13 फिसदी और बसपा के देव सरन मौर्य को 121,284 वोट 9 फिसदी पर समेट दिया था। इसके बाद 1998 मे चिन्मयानंद बीजेपी , 1999 मे सपा चंद्र नाथ सिंह, 2004 मे बीएसपी उमाकांत यादव, 2009 मे सपा के तूफानी सरोज सासंद रहे है।
प्रदेश में सपा-बसपा के बीच गठबंधन होने के बाद यहां से उनका संयुक्त उम्मीदवार का उतरा है, यह सीट बसपा के खाते मे है और यहा से बसपा के पूर्व विधायक त्रिभुअन राम को पत्याशी घोषित कर दिया है, इस लोक सभा के इतिहास मे दोनों इससे पहले तीन बार जीत हासिल की है, जिसमे दो बार सपा और एक बार बसपा जीत हासिल कर चुके हैं। वही पर पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा से यहां प्रत्याशी रहे बीपी सरोज को बीजेपी ने अपना प्रत्याशी घोषित करके बसपा के साथ माइंड गेम खेला है। वहीं जातिगत समीकरणों को साधने का भी भरपूर प्रयास किया है। बीपी सरोज मुगराबादशाहपुर के मादरडीह गांव के निवासी हैं। जो महज 12 दिन पहले 22 मार्च 2019 को भाजपा में समारोह पूर्वक सदस्यता ग्रहण कराई गई थी।