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दो महीने से दर-दर भटक रही महिला के लिए इंस्पेक्टर सुनील दत्त दूबे बने मसीहा

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कोतवाल सुनील दत्त दूबे

 पुलिस सुरक्षा के साथ पहुँचाया घर

वाराणसी । कहावत है प्रेम के आगोश में जब कोई समाहित हो जाता है तो उसे अपना अच्छा बुरा, हित-अनहित, हानि लाभ कुछ भी नहीं सूझता है। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है वाराणसी जनपद के मिर्जामुराद थाना क्षेत्र में । जहाँ अपने प्रेमी को पाने की आस में दर- दर भटक रही प्रेमिका को इंस्पेक्टर सुनील दत्त दूबे ने अपनी सुरक्षा में लेकर उसके घर भेज दिया।

गौर करने वाली बात है कि पिछले दो महीने से पूरा देश कोरोना नामक महामारी से त्रस्त है। लॉकडाऊन होने के कारण लोग अपने घरों में कैद हैं। लोगों के दिलों दिमाग पर कोरोना का खौफ इस कदर छाया है कि लोग एक दूसरे से मिलने को भी घबरा रहें हैं । किन्तु इसी खौफ भरे माहौल में एक लड़की ऐसी भी है जो अपने प्रेमी के प्यार में पागल होकर पिछले दो महीने से यूपी के हर जिले में अपने प्रेमी को खोज रही है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले के अहीरौरी थानान्तर्गत तिवारीपुर गाँव निवासी रूबी गौड़ को बगल के गाँव दुल्लापुर (कचहरी) निवासी पंकज अग्रहरि पुत्र अजय अग्रहरि से प्यार हो गया । प्रेम परवान चढ़ा तो दोनो घर से भाग निकले और मार्च में शादी रचा ली । प्रेमिका के मन में अपने प्रेमी के प्रति अथाह प्रेम था किन्तु प्रेमी शायद उसके जिस्म का ही भूखा था जो चंद दिनों बाद ही उसे छोड़कर भाग निकला। घर वालों ने भी लड़के को बेदखल कर दिया था ।

इस घटना के बाद प्रेमिका का हाल बुरा हो गया । वह जो कोई वाहन मिलता उसी से भाग निकलती । लेकिन दो महीने से वह अपने प्रेमी को ढूंढते हुए हर जगह घूम रही है । बुधवार की रात कानून व्यवस्था को सुदृढ़ रखने के लिए क्षेत्र में निकले मिर्जामुराद के कोतवाल सुनील दत्त दूबे की नजर उस लड़की पर पड़ गई । लोगों की सहायता को सदैव तत्पर रहने वाले कोतवाल श्री दूबे ने उस लड़की की परेशानियों को सुना और अपनी जिम्मेदारी को निभाया । उक्त लड़की को पुलिस के संरक्षण में लेकर अपनी तरफ से वाहन करके दो महिला कांस्टेबल के साथ लड़की के घर अंबेडकर नगर भेज दिया ।
इस मामले को लेकर कोतवाल सुनील दत्त दूबे की क्षेत्र में सराहना हो रही है । लोगों का कहना है की मानवता के नाते पुलिस का जो फर्ज होता है उसे श्री दूबे ने बखूबी निभाया। अन्यथा उस लड़की के साथ कहीं पर अप्रिय हादसा हो सकता था ।

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