उत्तर के गुजरात में देखो, हाहाकार मचा है। दोनों तरफ की जनता के, दिल में घाव धरा है।
मासूम बेचारी बच्ची का, जीवन बर्बाद किया उसने। भोगदण्ड वो भोग रहे हैं, जिन्हें पता नहीं किया किसने।
हाथ जोड़ यह बिनती है, जन मानस अब तो जग जाओ, पापी को सजा मिलेगी निश्चित, सब को यूं ना तड़पाओ।
कल तक हम सब साथी थे, आज अचानक दुश्मन। सुख दुःख पूछ परख करते थे, आज अचानक घर्षन।
सोच के सोचो क्या कोई, निज स्वार्थ साधने में लगा नहीं। वोट के खातिर हल्ला बोल, अब तक तू क्यूं भगा नहीं।
जन्म भूमि का गर्व तुम्हें है, कर्म भूमि भी मेरी है। हम ने बेटी बहन ही समझा, वो बच्ची जो तेरी है।
एक पापी के कारण बाबू, ना आपस में विद्रोह करो। मिलजुल कर जैसे रहते थे, वैसे ही सबसे प्रेम करो।
वैसे ही सबसे प्रेम करो, वैसे ही सबसे प्रेम करो।