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पौधों के प्रति प्रेम जो बन गया जूनून

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण और स्वच्छता अभियान को वास्तविक धरातल पर उतार रहे हैं तहसीलदार देवेन्द्र यादव

रविवार का दिन अवकाश का दिन होता है। हर व्यक्ति चाहे वह व्यवसायी हो या सरकारी कर्मचारी अपने घर रहकर अपना समय व्यतीत करता है। सरकारी कार्यालयों पर ताले ही लगे होते हैं किन्तु ज्ञानपुर तहसील में ऐसा नहीं था। कई फरियादी अपनी समस्याओं को लेकर परिसर में टहल रहे थे। पूछने पर पता चला कि रविवार को कोई मिले या न मिले किन्तु तहसीलदार देवेन्द्र यादव अवश्य मिलेंगे। क्योंकि उनके लिये तहसील परिसर में लगे खूबसूरत पौधे उनके परिवार के अंग हैं। देखा तो देवेन्द्र यादव तहसील परिसर के पीछे अहाते में लगे पेड़ों को उसी तरह निहार रहे थे जैसे कोई पिता अपने बच्चों को निहारता है। उनके चेहरे पर बिखरी हुई मुस्कान को देखकर यूं लगा जैसे वे उन पौधों से बातें कर रहे हों। उन पेड़ों को निहारते वक्त उनके चेहरे पर जो आत्मिक खुशी छलक रही थी, वैसी खुशी किसी की आंखों में तब ही दिखायी देती है जब अपने घर के आंगन में कोई पिता अपने बच्चों को हंसता खेलता दिखायी देता हो। पूछने पर पता चला कि देवेन्द्र जी सुबह गोपीगंज स्थित बड़े शिव मंदिर पर करीब ढाई सौ पौधे लगाने के बाद चकवा महावीर मंदिर गये थे और वहां भी पौधरोपण कर अभी लौटे हैं। पौधों के प्रति देवेन्द्र यादव का प्रेम अब जूनून बन चुका है। उनका मानना है कि जो सुन्दरता प्राकृतिक होती है वह सजावटी सामानों में नहीं मिलती है। आत्मिक सूकून सिर्फ धरती की गोद में पैदा हुये वृक्ष ही दे सकते हैं। वास्तविक खूशबू पेड़ पर खिले फूलों से ही मिलती है। देवेन्द्र यादव का कहना है कि वर्ष में एक बार विश्व पर्यावरण दिवस मनाकर, भाषणबाजी में बड़ी बड़ी बातें करने से करने से पर्यावरण संरक्षण नहीं होगा, बल्कि उन्हें धरातल पर उतारने के लिये खुद प्रयास करना होगा।

जौनपुर जिले के मछलीशहर में पैदा हुये देवेन्द्र की प्राथमिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर में हुई। इसके बाद इलाहाबाद वर्तमान में प्रयागराज में हाईस्कूल से लेकर हिन्दी से एम.ए. किया। फिर सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गये और दो साल में पीसीएस में सफलता प्राप्त कर ली। 14 जुलाई 2016 को पहली नियुक्ति हाथरस जिले में नायब तहसीलदार के पद पर हुई । तत्पश्चात आगरा में तहसीलदार बने। फिर दो साल इलाहाबाद जिले के सोरावं और कोरांव तहसील में रहे। फिर 27 फरवरी 2019 को ज्ञानुपर में तहसीलदार पद पर नियुक्ति हुई।

देवेन्द्र बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही पौधों के प्रति लगाव था। जब घर की बालकनी में गमले में लगे फूलों को खिलखिलाते देखते तो उनके मन में खयाल आता कि यदि हर जगह धरती हरी भरी दिखे तो कितना सुन्दर होगा। हालांकि एक व्यक्ति बदलाव तो नहीं ला सकता किन्तु अपने प्रयास से कुछ तो बदल ही सकता है। जब वे सोराव और कोराव तहसील में थे तब उन्होंने वहां पर करीब 7 हजार से अधिक पौधे लगाये। उनका मानना है कि धरा पर वृक्ष लगाने से वातावरण शुद्ध रहता है और जल संरक्षण भी होता है।
जब उनका तबादल ज्ञानपुर में हुआ तभी ज्ञानपुर तहसील का नया भवन बनकर तैयार हुआ था। उस भवन को पौधों से संवारने का जिम्मा उन्होने उठाया। आज तहसील परिसर की खाली पड़ी हर जगह फलदार और फूलदार वृक्षों से लहलहा रही है। आम के वृक्ष मंजरी से खिले हैं तो केले के पेड़ भी फलों के बोझ से लटक गये हैं। केला, सागौन, पपीता, आम, नींबू सहित फूलों की विभिन्न प्रकार की 103 वेरायटी के पेड़ तहसील की सुन्दरता में चार चांद लगा रहे हैं। तहसील परिसर में प्रवेश करते ही जिस खुशी का अहसास होता है, वैसी खुशी किसी भी सरकारी कार्यालय में महसूस नहीं की जा सकती और लोगों में इस खुशी का अहसास ज्ञानपुर तहसीलदार देवेन्द्र यादव करा रहे हैं।
रविवार को जब ह्यूमन टुडे की टीम तहसील परिसर पहुंची तो देवेन्द्र यादव ने तहसील के कोने कोने में लगे वृक्षों को दिखाया और उनके बार में जानकारी दी। उनके द्वारा लगाये गये पेड़ आज काफी बड़े हो चुके हैं। फलदार वृक्ष फल और फूलदार वृक्षों में फूल भी लग चुके हैं। इन पेड़ों की उम्र अभी मात्र डेढ़ साल ही है, लेकिन उचित देखभाल के कारण पेड़ जिस तरह बढ़े हैं उसपर सहज ही यकीन नहीं होता। देवेन्द्र का कहना है कि उनके द्वारा लगाया गया कोई भी पेड़ कभी सूखा नहीं। यदि यह कहा जाये कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता अभियान जैसे महत्वपूर्ण अभियान को कोई वास्तविक धरातल पर उतार रहा है तो तहसीलदार देवेन्द्र यादव का नाम लेना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।

जब देवेन्द्र के चेहरे पर छलक उठी पीड़ा

ज्ञानपुर तहसील परिसर में वृक्षों के बारे में जानकारी दे रहे तहसीलदार देवेन्द्र यादव के चेहरे पर वृक्षों के प्रति स्नेह और प्रेमपूर्ण मुस्कान छायी हुई थी। धीरे धीरे टहलते हुये हमलोग तहसील के मुख्य द्वार तक पहुंचे। वहां पर किसी की लापरवाही से एक केले का पेड़ गिर गया था और जड़ से उखड़ गया था। यह देखकर देवेन्द्र के चेहरे से मुस्कान गायब हो गयी और उसकी जगह पीड़ा का भाव परिलक्षित होने लगा। बिल्कुल उसी तरह जैसे एक पिता के चेहरे पर अपने घायल पुत्र को देखकर भाव आता है। यह भाव बता रहा था कि खेद द्वारा लगाये गये पेड़ों के प्रति उनका कितना प्रेम है।

मैं भले नहीं पहुंच पाउं किन्तु मेरे फूल तो पहुंच जायेंगे

तहसीलदार देवेन्द्र यादव गोपीगंज बड़े शिव मंदिर के प्रांगड़ में पिछले दिनों करीब 500 से अधिक पौधों का रोपण किये हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में जितने भी पेड़ लगाये गये हैं सभी फूलों के पेड़ हैं। बताया कि फूलों के पेड़ लगाने के पीछे उनका मकसद यहीं था कि वे रोज—रोज शिव जी का दर्शन करने मंदिर नहीं जा पायेंगे किन्तु जब पौधों पर फूल लगने लगेंगे तो रोजाना उनके फूल शिव चरणों में पहुंच जायेंगे।

जीवनदीप हाॅस्पिटल के निदेशक वरिष्ठ चिकित्सक डा. ए.के. गुप्ता ने तहसीलदार देवेन्द्र यादव के पर्यावरण प्रेम की सराहना करते हुये कहा कि पर्यावरण सुरक्षा और उसमें संतुलन हमेशा बना रहे इसके लिए हमें जागरुक और सचेत रहना होगा। प्रत्येक प्रकार के हानिकारक प्रदूषण जैसे जल, वायु, ध्वनि, इन सब खतरनाक प्रदूषण से बचने के लिए अगर हमने धीरे-धीरे भी कोई उपाय कर लिया तो हमारी पृथ्वी की सुंदरता जो कि पर्यावरण है। उसे बचा सकते हैं और अपने जीवन को भी स्वस्थ और स्वच्छ रूप में प्राप्त कर सकते हैं पर्यावरण संरक्षण विश्व में प्रत्येक मनुष्य के लिए अनिवार्य रूप से घोषित करना चाहिए। पर्यावरण है तो हमारा जीवन है।

जीवनधारा हास्पिटल के निदेशक वरिष्ठ चिकित्सक डा. आर.के. पटेल ने कहा कि आज का युग आधुनिक युग है, और पूरा संसार ही पर्यावरण के प्रदूषण से पीड़ित है, आज मनुष्य के लिये हर एक सांस लेना हानिकारक बन गया है। हवा में जहरीली गैस घुल गयी है। इसकी वजह से जहरीली सांस लेने के लिए हम मानव मजबूर है। इससे हमारे शरीर में कई विकृतियां पैदा हो रही है, कई तरह की बीमारियां विकसित हो रही है, वो दिन दूर नहीं है। अगर पर्यावरण इसी तरह से प्रदूषित होता रहा तो पूरी पृथ्वी प्राणी और वनस्पति इस प्रदूषण में विलीन हो जाएगी। इसलिए समय रहते हमें इन प्रदूषण से हमारी पृथ्वी और हमारी जान बचानी है। इसके संरक्षण का उपाय हर व्यक्ति को करना चाहिये। पर्यावरण संरक्षण के लिये पौधरोपण को बढ़ावा देना सबसे अच्छा उपाय है। तहसीलदार देवेन्द्र यादव का कार्य सराहनीय है। इससे लोगों में जागरूकता बढ़ेगी।

संजीवनी हास्पिटल सुरियावां के निदेशक डा संतोष उमर ने कहा कि हमारे देश में अक्सर ऐसा होता है कि कोई भी बड़ा कार्य होता है तो हम उम्मीद करते हैं कि वह सरकार करेगी जैसे पर्यावरण संरक्षण दुर्भाग्य से कुछ लोग मानते हैं कि केवल सरकार को ही पर्यावरण संरक्षण के लिए कुछ करना चाहिए परंतु ऐसा नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति अगर अपनी अपनी जिम्मेदारी समझे तो सभी प्रकार की कचरा, गंदगी और बढ़ती आबादी के लिए स्वयं उपाय करके पर्यावरण संरक्षण में अपनी भागीदारी दे सकता है, लेकिन प्रगति के नाम पर पर्यावरण को मानव ने ही विकृत करने का प्रयास किया है, पर्यावरण व्यापक शब्द है जिसका सामान्य अर्थ प्रकृति द्वारा प्रदान किया गया समस्त भौतिक और सामाजिक वातावरण इसके अंतर्गत जल, वायु, पेड़, पौधे, पर्वत, प्राकृतिक संपदा सभी पर्यावरण सरक्षण के उपाय में आते है। तहसीलदार देवेन्द्र यादव के प्रयास की जितनी भी सराहना की जाय कम है।

संजीवनी हास्पिटल सुरियावां के निदेशक डा संतोष उमर ने कहा कि हमारे देश में अक्सर ऐसा होता है कि कोई भी बड़ा कार्य होता है तो हम उम्मीद करते हैं कि वह सरकार करेगी जैसे पर्यावरण संरक्षण दुर्भाग्य से कुछ लोग मानते हैं कि केवल सरकार को ही पर्यावरण संरक्षण के लिए कुछ करना चाहिए परंतु ऐसा नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति अगर अपनी अपनी जिम्मेदारी समझे तो सभी प्रकार की कचरा, गंदगी और बढ़ती आबादी के लिए स्वयं उपाय करके पर्यावरण संरक्षण में अपनी भागीदारी दे सकता है, लेकिन प्रगति के नाम पर पर्यावरण को मानव ने ही विकृत करने का प्रयास किया है, पर्यावरण व्यापक शब्द है जिसका सामान्य अर्थ प्रकृति द्वारा प्रदान किया गया समस्त भौतिक और सामाजिक वातावरण इसके अंतर्गत जल, वायु, पेड़, पौधे, पर्वत, प्राकृतिक संपदा सभी पर्यावरण सरक्षण के उपाय में आते है। तहसीलदार देवेन्द्र यादव के प्रयास की जितनी भी सराहना की जाय कम है।
जयदीप हास्पिटल के निदेशक डा वी.के. दूबे ने कहा कि एक देश का नागरिक होने और इस धरती का वासी होने के नाते यह जिम्मेदारी है की हम इस धरती को स्वच्छ, सुन्दर और प्रदूषण से मुक्त बनाये। हमें पर्यावरण को बचाने के लिए खुद शुरुआत करनी चाहिए और अपने आस दृ पास की जगह को साफ दृ सुथरा रखना चाहिए। अगर हर इंसान अपने आसपास की जगह को स्वच्छ बनाने लग जाए तो यह दुनिया गन्दगी से मुक्त हो जाएगी और हम एक बेहतर पर्यावरण का निर्माण कर पाएंगे। वृक्ष मानव जीवन को शुद्ध हवा देते हैं। वृक्षों के कारण सूर्य की धूप सीधे पृथ्वी पर नहीं पड़ती है। इससे धरती ठंडी रहती है और जल संरक्षण भी होता है। तहसीलदार देवेन्द्र यादव के कार्यों की जितनी भी प्रशंसा की जाय कम है। पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करना उत्तम कार्य है।

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