बेटी के गम में जान देने को अमादा हुई माँ, दो माह पहले मुस्लिम युवक ने किया था अपहरण
मुकदमा दर्ज करने के बावजूद नहीं खोज पा रही पुलिस
लॉकडाऊन होने का कर रही बहाना
भदोही । उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में एक ऐसा मामला घटित हुआ है जो पुलिसिया कार्यशैली पर अंगुली उठा रहा है। अपनी नाबालिग बेटी को पाने की आस में एक बेबस माँ जान देने पर अमादा हो गई है । पिछले तीन दिन से वह अनशन पर बैठी है। उसने खाना पीना त्याग दिया है किन्तु पुलिस लॉकडाऊन का बहाना बनाकर उसकी खोज नहीं कर रही है।
बता दे कि पिछले 14 मार्च को गोपीगंज थाना क्षेत्र के जोगिनका गांव मे एक 15 साल की बालिका शौच के लिए खेत में गई थी । उसी दौरान गोपीगंज का ही शाहिद उर्फ गुड्डू उसका अपहरण कर लिया । घटना की सूचना उसी
दिन गोपीगंज कोतवाली में दी गई। पुलिस ने घटना की रिपोर्ट भी दर्ज कर ली किन्तु अपनी व्यस्तता बताकर आनाकानी करती रही। एक मुस्लिम युवक द्वारा हिंदू लड़की का अपहरण करने जैसा अपराध अति गंभीर था जो माहौल को दूषित कर सकता था किन्तु पुलिस ने सक्रियता नहीं दिखाई और उसे खोजने में विफल रही ।
घटना को दस दिन तक पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया और 24 मार्च को लॉकडाऊन घोषित हो गया । अब पुलिस को लॉकडाऊन का बहाना मिल गया है । उधर पुलिस के रवैए से क्षुब्ध होकर बेटी की याद में तड़प रही माँ अपने घर के सामने ही अनशन पर बैठ गई है । अनशन पर बैठी मां दो माह से गायब बेटी की राह निहार रही है। मुकदमा कायम कर फर्ज अदायगी कर चुकी पुलिस आज तक न आरोपी का पता लगा सकी है और नही नाबालिग को बरामद कर पायी है।
आला अधिकारियों से भी गुहार लगा चुकी मां अनहोनी की आंशका से परेशान होकर अनशन पर बैठ गई है। सोमवार से शुरु अनशन बुधवार को तीसरे दिन भी जारी है किन्तु पुलिस का कोई अधिकारी अभी तक उस माँ की पीड़ा को समझने नहीं पहुचा है।
इस मामले में पुलिस का रवैया भी संदिग्ध बना हुआ है। मुकदमा दर्ज होने के बाद दस दिन तक शांत बैठी पुलिस अब लॉकडाऊन होने का बहाना कर रही है। सोचने वाली बात है कि क्या ऐसे संगीन अपराधो में यदि पुलिस लॉकडाऊन का बहाना करेगी तो अपराधियो के हौसले बुलंद नहीं होंगे ।
इस मामले को लेकर कुछ लोगों ने ट्वीट किया । जिसका भदोही पुलिस ने जवाब दिया की आरोपी का लोकेशन ढूंढ लिया गया है। लॉकडाऊन के पश्चात बरामदगी होगी । वही गोपीगंज कोतवाल द्वारा क्षेत्राधिकारी को भेजी गई रिपोर्ट में जांच करने की बात उल्लिखित की गई है। सवाल यह भी है कि यदि लॉकडाऊन के दौरान उस नाबालिग के साथ कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा !