Home लोकसभा चुनाव २०१९ लखनऊ लोकसभा सीट-1 “अटल की राजनीतिक कर्मभूमि पर किसकी चलेगी सियासत

लखनऊ लोकसभा सीट-1 “अटल की राजनीतिक कर्मभूमि पर किसकी चलेगी सियासत

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रिपोर्ट सतीश दुबे

आइये, हम रुबरु कराते है देश की हाई-प्रोफाइल लोकसभा सीटों मे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का।
कहते है कि देश की सबसे बडी पंचायत का रास्ता लखनऊ होकर ही जाता है।गोमती नदी के किनारे बसे लखनऊ को नवाबों का शहर कहा जाता है। यहाँ का नवाबी ठाठ व लखनऊ की शाम दोनो का अपना एक अलग अंदाज है। या यू कहे यहा की दशहरी आम और चिकन की कढाई और लखनऊ का गलावटी कबाब बहुत ही मशहूर है ।

राजनीतिक परिदृश्य :

भाजपा की ओर से पहले प्रधानमंत्री बने अटल बिहारी बाजपेयी की राजनीतिक कर्मभूमि रही है। अगर हम बात करे 90के दशक से लगातार बीजेपी का कब्जा रहा है। वर्तमान समय मे गृहमंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से सांसद व भाजपा के प्रत्याशी भी है।

90के दशक मे बीजेपी के कद्दावर

नेता अटल बिहारी बाजपेयी ने लखनऊ संसदीय सीट से मैदान मे उतरकर जीत का जो सिलसिला शुरू किया था फिर वो कभी थमा नहीं। लगातार पांच बार सांसद चुनें जाने के बाद 2009 मे उनकी विरासत सम्हालने के लिए भाजपा ने लालजी टंडन को मैदान मे उतारा, कांग्रेस की प्रत्याशी रही वर्तमान कैबिनेट मंत्री व प्रयागराज लोकसभा की भाजपा प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी से काटे कि टक्कर मे टंडन को अटल जी की चरण-पादुका लेकर प्रचार करना पडा। लाल जी टंडन को लोकसभा मे विजय श्री मिला।

बात लोकसभा चुनाव 2014 की करे तो बीजेपी के तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष रहे राजनाथ सिंह ने किस्मत अजमाई उन्होंने कांग्रेस की प्रत्याशी रही रीता जोशी को 272740 वोटों से हराया, 2019 के लोकसभा चुनाव मे भाजपा से राजनाथ सिंह फिर से चुनाव मैदान मे है। महागठबंधन की तरफ से कोई मजबूत चेहरा न होने की वजह से शत्रुधन सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को महागठबंधन की तरफ से प्रत्याशी बनाया गया है। वही कांग्रेस की ओर से राजीव गांधी के करीबी रहे श्रावस्ती से कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड चुके, व बीते दिनो हुए तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस के स्टार प्रचारक रहे आचार्य प्रमोद कृष्णन को उतारा है। लखनऊ संसदीय सीट मे पांच बिधानसभा लखनऊ पश्चिम, लखनऊ पुर्वी, लखनऊ मध्य, लखनऊ उत्तरी, लखनऊ कैन्ट बिधानसभा की सीटो पर भाजपा का कब्जा है।

सामाजिक ताना-बाना:

लखनऊ लोकसभा की बात करे तो ब्राह्मण व राजपूत वोटर तरकीबन 20%है। एवम् कायस्थ सिन्धी मतदाता मिलाकर तरकीबन 10% है जो भाजपा का मूल वोटर है। ओबीसी मतदाताओं की आबादी 28%के आसपास है। वो भी भाजपा को अपनी पहली पसंद बता रहे है, मुस्लिम आबादी की अगर हम बात करे 18% मुस्लिम मतदाताओं का एक बडा हिस्सा राजनाथ सिंह के कारण भाजपा को वोट करता है। पूनम सिन्हा की उम्मीद्वारी यहा कमजोर साबित हो रही है। अगर बात करे आचार्य प्रमोद की तो ये लखनऊ जैसी अहम सीट पर अपनी छाप छोडऩे नाकाम नजर आ रहे है।

अगर हम विकास की बात करे तो लखनऊ मे जाम एक बडा मुद्दा था, लेकिन सांसद राजनाथ सिंह ने किसान पथ का शिलान्यास किया था,जो अगले साल तक पूरा हो जायेगा, इसके कारण रिंग रोड पर लगने वाले जाम की समस्या से लोगों क़ो निजात मिल जायेगी। इसके साथ-2 कई फ्लाईओवर को मंजूरी भी दिलाई, जिसपर काम चल रहा है। गोमंती नदी के सफाई का मुद्दा भी अहम रहा है। लखनऊ को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने के लिए माडर्न ट्रैफिक मैनेजमेंट पर भी काम हो रहा है।

एक कालेज के बतौर प्रोफेसर से भारतीय राजनीति मे वर्तमान गृहमंत्री तक का सफर तय कर चुके राजनाथ सिंह एक कुशल वक्ता, रणनीतिकार व कुशल प्रशासक के रूप मे जाने जाते है।

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