जौनपुर। अपनी माटी के लाल, भोजपुरी, अवधी गीत के गीतकार व छात्रों को मार्गदर्शन देने वाले प्रशिक्षित शिक्षक रविन्द्र कुमार शर्मा “दीप” जौनपुर जिले में अपने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध करते-करते मुंबई की धरती पर पधारे और गणेशोत्सव में सम्मिलित होकर बाप्पा के दर्शन कर, यहाँ भी गणपति बाप्पा के सुमधुर गीत सुनाकर लोगों के दिलों में जगह बनाई और गणेश जी के साथ सभी श्रोताओं,चहेतों के भी आशीर्वाद प्राप्त किये।
रविन्द्र कुमार शर्मा दीप का जन्म जौनपुर जिले के फूलपुर गाँव में हुआ। प्राथमिक शिक्षा दीक्षा मुंबई तत्पश्चात जौनपुर से स्नातकोत्तर, बी•एड• की उपाधि ग्रहण की। वर्तमान समय में वे नान्हक पब्लिक स्कूल जौनपुर में शिक्षक हैं, साथ-साथ उन्हे गीत संगीत से भी प्यार हो गया। यह कला उनके पिता स्व.दीप नारायण शर्मा व भाई विनय शर्मा दीप से प्राप्त हुई। जिनका आशीर्वाद आज परिलक्षित होता दिखाई देता है।
उन्होंने बताया कि माता-पिता व भाई के साथ-साथ जौनपुर के लाल अमर राकेश पाठक मधुर व अवधेश पाठक मधुर का भरपूर मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। माता शांति देवी व पिताजी के आशीर्वाद तथा माता वीणापाणि व ईश्वर की कृपा से एक अच्छे गीतकार के साथ अच्छे समाजसेवी भी हैं। परहित, परोपकारी, सबका कल्याण चाहने वाले रविन्द्र के गीत बहुत चर्चित हुए,जिनमें कुछ इस प्रकार हैं। उनके देवीगीत “अडउलवा रे अडउलवा” से फरियाद, आइल बा शुभ दिन, गणपति देवा, भवंनवाॅ क शान बढ़ि गइल (देवीगीत), अपने पिता के द्वारा लिखित गीत को साकार करने का भी प्रयास किया।
“माई मनवां में ज्ञनवां क जोर देइद”(देवीगीत), इक बेरी आव
माई, तू हमरे गाँव (देवीगीत) और देश के वीर जवानों के लिए एलबम “मैं वीर हूँ तेरा बेटा” बहुत प्रसिद्ध रही। मुंबई की धरती, ठाणे जिला के कलवा शहर, भास्कर नगर में गणेशोत्सव पर अपने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया जो इस प्रकार है-
(मुखड़ा)
एगो बुढ़िया माई घर-घर -2 देत बाड़ी सनेश /
हमरा बेटा बा परदेश, रखले बाटै मूर्ति गणेश //-2
(अंतरा-1)
रान-परोसी बुलाके घर में, मंगल गीतिया गावेली,
नइखे नियरे बाड़ी मयरिया, तबो हियरा जुड़ावेली,
मनोकामना पूरन होइहैं ,कटिहैं दुख कलेश //
हमरा बेटा……………………….
(अंतरा -2)
अखण्ड ज्योति जराके बेटा, करेला पुजनवां,
फल मेवा के भोग लगाके, लुटावे अन -धनवां,
असही झोली भरले रहिया, हे गौरी -महेश //
हमरा बेटा………………………
(अंतरा -3)
विडियो कालिंग कइके दीप, सारी रशम दिखवले,
बड़ा निक लागत रहे शगुनवा ,मन हमरा हरसवले,
भरल रहे परिवार खुशी से -2 असही रहे परिवेश //
हमरा बेटा……………………..