गुप्त नवरात्रि बहुत ही शुभ संयोग लेकर आ रही हैं, शक्ति मां जगदंबा भक्तों के कल्याण के लिए। आइए जानते हैं कब है गुप्त नवरात्रि क्या करने से मिलेगा लाभ बहुत सारे उपाय जानिए पंडित अतुल शास्त्री से
गुप्त नवरात्रि क्या है :- ?
शास्त्रों के अनुसार अन्य नवरात्रियों की तरह ही गुप्त नवरात्रि का भी बेहद महत्व है लेकिन उन लोगों के लिए इसकी महत्ता और भी अधिक बढ़ जाती है जो किसी खास मनोकामना के पूर्ण होने की इच्छा रखते हों। गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र साधना के लिए जानी जाती है। इसके अलावा किसी खास इच्छा की पूर्ति जैसे कि धन, संतान सुख, शत्रु से मुक्ति, आदि के लिए भी गुप्त नवरात्रि पूजन किया जाता है।
गुप्त नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान दुर्गा सप्तशती पाठ और दुर्गा को प्रसन्न करने के कई उपाय किए जाते हैं। कुछ लोग गुप्त नवरात्रि के दौरान भी कन्या पूजन करते हैं ताकि आदि शक्ति की उनपर कृपा बनी रहे। अगर आप भी देवी दुर्गा की कृपा पाना चाहते हैं तो आगे बताए जा रहे उपायों को करें, मान्यतानुसार आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है।
आप सभी को बता दें कि कल यानी 5 फरवरी मंगलवार को माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्रि का आरम्भ हो रहा है। ऐसे में इस गुप्त नवरात्रि में कई शुभ योग-संयोग बन रहे हैं। जो साधक और देवी की आराधना करने वालों को कई गुना अधिक शुभ फल देने वाले हैं। कहते हैं गुप्त नवरात्रि के 10 दिनों में पांच बार रवियोग तथा दो बार सर्वार्थसिद्धि योग का विशिष्ट योग बन रहा है और सबसे खास बात यह भी है कि गुप्त नवरात्रि की शुरुआत पंचक के साथ हो रही है यानी इस दिन की गई देवी की आराधना-साधना पांच गुना अधिक फल देने वाली है। जी हाँ, आप सभी को बता दें कि माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर मंगलवार के दिन धनिष्ठा नक्षत्र आ रहा है और धनिष्ठा से रेवती तक के पांच नक्षत्र पंचक के नक्षत्र कहलाते हैं।
कहा जाता है गुप्त नवरात्रि का आरंभ पंचक से होने जा रहा है और पंचक शुभ कार्यों में विशेष शुभ फल देने वाला माना जाता है। इसी के साथ गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र साधना के लिए विशेष मानी गई है। इसलिए साधक को पांच गुना अधिक शुभ फल मिलने वाला है। इसी के साथ ही एक शुभ संयोग और भी बन रहा है जो यह है कि प्रतिपदा पर मंगलवार है और इसी रात्रि में 11.48 बजे मंगल का अपनी स्वयं की राशि मेष में प्रवेश हो रहा है,और चन्द्रमा कुम्भ राशि में रहेगा इसी के साथ कहा जा रहा है कि यह संयोग सभी प्रकार से शुभ और मंगलदायक होने वाला है। इसी के साथ जिन लोगों को जन्मकुंडली में मंगल पीड़ा दे रहा है वे देवी की विशेष पूजा-अर्चना करेंगे तो मंगल का दुष्प्रभाव शांत होगा और शुभ प्रभाव में वृद्धि होगी और सभी राशि के जातकों के लिए यह मंगल उन्नतिकारक रहेगा।
धन लाभ के लिए उपाय :-
धन लाभ पाने के लिए इस गुप्त नवरात्रि श्रीयंत्र पूजन करें। नौ दिनों में से किसी भी एक दिन सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और साधना के लिए पीले आसान पर बैठ जाएं। अब अपने सामने तेल के 9 दीपक जलाएं। इसके बाद दीपक के सामने लाल चावल (कुंकुम से रंगे हुए) की ढेरी बनाएं और उसपर श्रीयन्त्र स्थापित करें। अब एक-एक करके कुंकुम, फूल, धुप तथा दीप से प्रयोग से मां दुर्गा के बीज मंत्र या किसी भी साधना मंत्र से श्रीयंत्र की पूजा करें। अंत में श्रीयंत्र को घर के मंदिर में स्थापित कर लें और अन्य सामग्री को बहते जल में प्रवाहित कर दें।
दांपत्य सुख के लिए :-
पति-पत्नी में झगड़ा हो या आने वाले दांपत्य जीवन में सुख पा सकें इसके लिए गुप्त नवरात्रि के दौरान विशेष उपाय करें। गुप्त नवरात्रि में सभी नौ दिन या कम से कम सात दिनों तक रोजाना आगे बताई जा रही चौपाई का एक माला यानी 108 बार जाप करें। ऐसा करते हुए अग्नि में घी से आहुतियां भी दें। चौपाई – ‘सब नर करहिं परस्पर प्रीति। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति।।’
मनपसंद वर या वधु पाने के लिए :-
मन मुताबिक अच्छा वर पाने के लिए गुप्त नवरात्रि में भगवान शिव और पार्वती जी का पूजन करें। इस चौपाई का नौ दिनों तक रोजाना 108 बार जाप करें: चौपाई- ‘हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया। तहा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम ।।’
परीक्षा, इंटरव्यू में सफलता पाने के लिए :-
किसी भी परीक्षा या नौकरी के लिए इंटरव्यू में सफलता पाने के लिए आगे बताए जा रहे मंत्र का 108 बार स्फटिक की माला से जाप करें और इसके बाद ही परिक्षा/यइंटरव्यू देने के लिए जाएं: मंत्र- ‘ॐ ह्लीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट स्वाहा