मुम्बई: बहुचर्चित सितम्बर 2008 को महाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव में बम ब्लास्ट मामला जिसमे सात लोगों की मौत हो गई थी, करीब सौ लोग जख्मी हुए थे। यह ब्लास्ट उस वक्त किया गया जब लोग रमजान के दौरान नमाज पढ़ने जा रहे थे। इस धमाके के पीछे हिंदू राइट विंग ग्रुप्स से जुड़े लोगों का हाथ होने की बात सामने आई थी। जिसमे साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित समेत और छः सहयोगियों को आरोपी बनाया गया था। धमाके के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित पर धमाके को रचने का साजिश का आरोप है। कर्नल पुरोहित आतंकी है या नहीं इसका फैसला आज कोर्ट मे होने वाला था। उन्होंने स्पेशल एनआईए के एक फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है, जिसमें उन पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं। पुरोहित ने मामले पर लगे यूपीपीए कानून की वैधता को चुनौती दी है जिस पर आज बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई होनी थी लेकिन आज बेंच बैठी ही नही, जिससे सुनवाई नही हो पाई।
जबकि 26 अक्टूबर यानी कल एनआइए कोर्ट मामले में आरोप तय कर सकता है। एनआइए कोर्ट पहले ही कर्नल पुरोहित और बाकी आरोपियों की उस अर्जी को पहले ही खारिज कर चुका है, जिसमें यूपीपीए को चुनौती दी गई थी। बता दे कि इसके पहले की सुनवाई में के दौरान पुरोहित ने कोर्ट से यह सवाल पूछा था, कि मैं आतंकी हूं या नहीं हूं यह बताया जाए। कोर्ट को आज यह तय करना था, कि पुरोहित के ऊपर से यूएपीए के तहत लगाए गए आरोप हटाए जाएं या नहीं? कर्नल पुरोहित फिलहाल जमानत पर हैं। इस मामले के आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को कोर्ट ने एक महिला होने का हवाला देते हुए पाच लाख के निजी मुचलके लगाकर अप्रैल 2017 मे ही जमानत दे दी थी । प्रज्ञा ठाकुर आठ साल जेल मे रही, जो अब ब्रेस्ट कैंसर के बिमारी से जुझ रही है।