भदोही। सरकार डिजीटल इंडिया को और मजबूती प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। और सोशल मीडिया सच में आज सूचनाओं को आदान-प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। लेकिन कही ऐसी भी घटनाएं सुनने या देखने को मिलती है जहां पर पुर्ण रूप से सोशल मीडिया का दुरूपयोग देखा जा सकता है। एक ऐसा ही मामला भदोही जिले के गोपीगंज क्षेत्र के भिडिउरा गांव में देखने को मिला जहां गांव के मनबढों ने एक वृद्ध का ऐसा फोटो वायरल किया कि फोटो देखने के बाद लोगों के होश उड गये। फोटो वायरल करना केवल मजाक था या कोई साजिश यह तो पुलिस के जांच के बाद ही साफ हो पायेगा लेकिन जब पीडित की पत्नी को इस शरारत के बारे में जानकारी हुई तो उसे दिल का दौरा पड गया। हालांकि अब भी दवा चल रहा है। पीडित के शिकायत के बावजूद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज नही किया और अन्त में पीडित ने थक हार कर न्यायालय की शरण ली है। और उसे धमकियां भी मिल रही है।
जानकारी के मुताबिक भिडिउरा निवासी लक्ष्मीकांत दूबे जो पहले ड्राइवर थे लेकिन अब उनके बेटे अहमदाबाद रहकर नौकरी करते है। लक्ष्मीकांत गांव में ही रहकर खेती बारी करते है। लेकिन गांव के ही कुछ मनबढों ने लक्ष्मीकांत के बारे में 6 जुलाई 2019 को एक ऐसा फोटो वायरल किया कि देखने वालों के होश उड गये। फोटो में लक्ष्मीकांत को मृतक बताकर उनके फोटो में जन्मतिथि और मृत्युतिथि 17 मार्च 2019 लिखकर उनके शव का फोटो बनाकर वायरल कर दिया। किसी के माध्यम से जानकारी होने पर लक्ष्मीकांत ने इस वायरल फोटो को शेयर करने वाले मोबाइल नंबर को पुलिस को बताया और नामजद मुकदमा दर्ज करने की बात की लेकिन पुलिस ने लक्ष्मीकांत की बात न मानी और ना ही मुकदमा लिखा गया। आखिर लक्ष्मीकांत ने थक हारकर न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ 156(3) के तहत मामला दर्ज कराया है। लेकिन मनबढों ने लक्ष्मीकांत को मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहे है और धमकी भी दे रहे है। अब यहां पुलिस को लेकर एक बडा सवाल खडा होता है कि पुलिस ने पीडित का मामला दर्ज क्यों नही किया? आखिर पीडित को न्यायालय की शरण क्यों लेनी पडी?