मुंबई। शिक्षण अधिनियम 2009 के अंतर्गत नॉन एडेड तथा नॉन माइनॉरिटी स्कूलों में भी 25 प्रतिशत सीटें आम बच्चों के प्रवेश के लिए आरक्षित की गई है। इसका परिणाम यह है कि अब गरीब बच्चों को भी नामी स्कूलों में पढ़ने का अवसर मिल रहा है गरीब बच्चों का नामी स्कूलों में पढ़ने का सपना बृहन्मुंबई महानगरपालिका शिक्षण विभाग साकार कर रही है।शिक्षा के अधिकार के तहत हर वर्ष 25 प्रतिशत सीटों को भरने का काम किया जाता है । वर्ष 2020 के प्रवेश के लिए अभिभावकों ने फरवरी में ही ऑनलाइन फॉर्म भरा था। 17 मार्च को ऑनलाइन लॉटरी द्वारा चयनित बच्चों के प्रवेश की घोषणा की गई । लॉकडाउन के चलते प्रवेश नहीं हो पाया था।
प्राथमिक शिक्षण संचालक ने 17 जून को प्रवेश के लिए एक गाइडलाइन जारी किया, जिसमें स्कूलों के साथ-साथ पालकों को भी बताया गया है कि वह किस तरह अपने बच्चों का प्रवेश दिला सकते हैं। स्कूलों से संबंधित पालकों को एसएमएस द्वारा सूचना दी जा रही है। सूचना के आधार पर पालक सोशल डिस्टेंसिंग तथा अन्य नियमों का पालन करते हुए अपने बच्चों का निर्देशित स्कूलों में प्रवेश दिला रहे हैं। शिक्षणाधिकारी महेश पालकर के अनुसार शिक्षा के अधिकार के चलते आज गरीब तथा पिछड़े परिवारों के भी होनहार बच्चे मुंबई के नामी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। उपशिक्षणाधिकारी कीर्तिवर्धन कुडवे ने पालकों से अपील की है कि जिनके बच्चों के नाम चयनित हुए हैं, वे कृपया दिए गए समयानुसार संबंधित स्कूलों में प्रवेश ले ले।
प्रशासकीय अधिकारी निसार खान ने पालकों की सुविधा के लिए एक मार्गदर्शक वीडियो बनाकर ज्यादातर पालकों के पास भेजने का प्रयास किया है। इस वीडियो में बताया गया है कि कोरोनावायरस के संक्रमण से बचते हुए वे किस तरह अपने बच्चों का संबंधित स्कूलों में प्रवेश दिला सकते हैं।