भदोही। सरकार जहां बच्चो को शिक्षित करने के लिए पुरजोर कोशिश मे लगी है वही सरकारी अध्यापक केवल ड्यूटी के नाम पर खानापूर्ति करने मे जुटे है। और स्कूल टाइम मे अपने मित्र और परिचितो से सोशल मीडिया पर चैटिंग और लम्बी बातचीत करते है। जो कही कही विभाग की लापरवाही का सटीक उदाहरण है।
शुक्रवार को डीघ ब्लाक के घनश्यामपुर मे स्थित इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल मे समय से लंच कर दिया गया। और डायट से ट्रेनिंग मे आई दो महिला अध्यापक मोबाइल पर बात करती हुई पाई गई। और एक पुरुष अध्यापक भी मोबाइल पर लगे नजर आयें। अब यहा प्रश्न बनता है कि आखिर क्या होगा समाज का? इस तरह की लापरवाही के पीछे आखिर कौन है जिम्मेदार? क्या विभाग इन सभी चीजो को जानने के बाद भी मौन है या जानता ही नही।
यह विद्यालय तो कहने के लिए इंग्लिश मीडियम है लेकिन दशा हिन्दी मीडियम से भी लुंज पुंज है। बच्चो को पानी के लिए समरसेबल न होने से सड़क पर लगे हैण्डपंप पर जाना पड़ता है। शौचालय तो बना है लेकिन सफाई कौन करे यह बडा यक्ष प्रश्न है विभाग के लिए। कहने को वृक्षारोपण शायद कागज पर हुआ हो लेकिन वास्तविकता मे कोई फूल नही लगा है। देखने से ऐसे लगा कि बच्चो के सापेक्ष खाने की थाली कम है। अभी तक बच्चो को पुरी किताब न मुहैया होना एक बड़ा प्रश्न खड़ा करता है ।