कल्याण :पूर्व स्थित होली होराइजन स्कूल के प्रांगण में 14 फरवरी शाम 4 बजे से ठाणे जिले के साहित्यप्रेमीगणो सहित हिन्दीभाषी बहुल क्षेत्रो के अवधी एवं भोजपुरीभाषी प्रेमीजनो का जनसैलाब उमङ पङा उन दिवंगत आत्मा आ.श्री जगदीश पीयूष जी की शोकसभा में जिनका स्वर्गवास गत सप्ताह के 5 फरवरी को हो गया।
बता दें कि इस नश्वर शरीर के संसार में शरीर जरूर कभी न कभी मर जाता है परंतु आत्मा एवं कीर्ती जरूर अमर रहती है और उसी तरह अमर कीर्तिवान बना उक्त दिवंगत आत्मा का नाम जिन्होने दिन ब दिन खो रही अवधी भाषा को एक रफ्तार दिए ,उस भाषा को आॅक्सीजन दिए,टाॅनिक प्रदान किए।
बतातें चलें कि विभिन्न संस्थाओ से जुङे हुए,उच्चासीन राजनीतिक पदो पर काबिज राजनेता के साथ घनिष्ठ संबंध रखने के बावजूद भी जिस तरह स्व.पीयूष जी साहित्य एवं भाषा को गति प्रदान करने का जो काम किए और करते रहे उन्ही सब मंशाओ से प्रेरित होकर उक्त स्कूल के प्राचार्य एवं साहित्यविद लेखक डा.रमाकांत क्षितीज के मार्गदर्शन एवं संचालन में इस शोक सभा का कार्यक्रम रखा गया था जिसमें कल्याण पूर्व,पश्चिम के अलावा डोम्बीबली,ठाणे,दिवा,उल्लहासनगर,विठ्ठलवाङी सहित आम्बीवली , शहाड तथा टिटवाला ,वासिंद आदि तक के भी रसिकजन उमङ पङे थे।जिस स्कूल में काफी मेजे होने के बावजूद भी सारी कुर्सीयां भरी रही।
सभा में उपस्थित आगंतुको में
पहली एवं दूसरी पंक्तियों में सर्व श्री रमाशंकर चंदू तिवारी,ओमप्रकाश मुन्ना पांडे नमन,पारसनाथ तिवारी,सदानंद बाबा तिवारी,
चंद्रवीर यादव, सामना समाचार पत्र के पत्रकार एवं स्व.जगदीश जी के अनुयायी राजेश विक्रांत,आ.भोले बाबा जी महाराज,आ.राहुल जी महाराज,मानस मंडल प्रमुख एवं सुप्रसिद्ध शास्त्रीय संगीत पद्धति के गायक दिनेश मिश्र,
कवि,पत्रकार एवं सामयिक परिवेश पत्रिका के महाराष्ट्र राज्य प्रभारी आर बी सिंह के अलावा प्रवीण तिवारी,शैलेन्द्र चौबे,विनय राय,सतेन्द्र सिंह,शिक्षक समुदाय के वरिष्ठ प्यारेलाल यादव,बीरेन्द्र चौबे आदि गणमान्य विराजमान थे जबकि तीसरी पंक्तियों से लेकर ग्यारहवीं पंक्तियों तक सैकङो की तादाद जमी रही।जिन सभा में अल्पकालीन समय निकालकर प्रकाश तरे एवं जगदीश तरे ने भी अपनी उपस्थिती दर्ज कराकर दिवंगत आत्मा की तस्वीर पर अपने श्रद्धा के कुछ सुमन भी अर्पित किए।
जिस सभा में सभी आगंतुकजनो के सामने प्रसिद्ध गायक शिवपूजन पाँडे एवं उनकी टीम सदस्यगणो ने निर्गुण विधा की गायकी वादकी कर सभी आगंतुकजनो को कार्यक्रम समापण होने तक रूके रहने पर मजबूर किए रखे जिस आयोजन का समापण तकरीबन 7.45 बजे हुआ।जिसमें कोरोना काल के ध्यानार्थ सोशल डिस्टेन्स का पालन के साथ साथ सभा में उपस्थित सबको सादर आभार का प्रकटीकरण डा.क्षितीज जी के तरफ से हुआ।