विश्व का एक ऐसा देश भारत जहां की हर चीज निराली है। यहां हमेशा त्यौहार व पर्वो का दौर जारी रहता है। यदि दिनों के हिसाब से गणना की जाए तो वर्ष भर के दिन त्यौहार व पर्वों से कम पड जायेगा। भारत में चाहे दीपावली, ईद, बैशाखी, क्रिसमस डे, होली, रमजान, मुहर्रम, लोहडी हो या गुड फ्राइडे सभी लोग मिल जुलकर आपस में त्यौहार व पर्वों का आनन्द उठाते है। लेकिन भारत में एक ऐसा महात्यौहार मनाया जाता है जहां पर सभी जाति व धर्म के लोग एक साथ मिलकर मनाते है यह त्यौहार। यह त्यौहार है लोकतंत्र के महापर्व मतदान का। जिसकी अनूठी व्यवस्था पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।
लोकतंत्र के इस महापर्व में हर जाति व धर्म के लोग अपने खुले विचार व स्वच्छ भाव से अपने मनपसंद के प्रत्याशी को मत देते है जो देश की बडी पंचायत में जाकर उनके क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है। यह महापर्व बडे ही सौभाग्य से मिलता है। जरा उन लोगो के बारे में सोचिए जो किसी वजह से अपने घर को छोडकर कही बाहर काम करने गये है। और उनके यहां मतदान हो रहा है तो उनका मन अन्दर ही अन्दर मतदान न करने पर कचोटता है कि मै मतदान नही कर पा रहा हूं। यह मतदान देश को नई दिशा में आम नागरिक हथियार है जो बडे बडे नेताओं को जमीन पर ला देता है। अपने मत की ताकत को पहचान कर अपने मन के प्रत्याशी को जिताए। जिससे आपके क्षेत्र का समुचित विकास हो। मतदान के दिन बडे ही गर्व से मतदान स्थल पर जाकर लोकतंत्र की मजबूती के लिए अपना अमूल्य मत देकर देश को नई दिशा देने में सहयोग करें।
कुछ लोग ऐसे भी होते है कि मतदान करने नही जाना चाहते है। कहते है कि राजनीति से क्या मतलब है? जो लोग मतदान करने के लिए मन नही बनाते है उनसे पूछा जाए कि आपको कैसी सरकार चाहिए तो कहेंगे अच्छी सरकार। लेकिन जब अच्छी व मनमाफिक सरकार तभी बन पायेगी जब अच्छे लोगो को जीताकर अपना नेता चुनेंगे। यदि वोट देने नही जायेंगे तो जो लोग अधिक जाएंगे उनके मनमाफिक नेता होगा। अतः सभी को चाहिए कि अपने मन का नेता चुनने के लिए अधिक से अधिक मतदान करें। क्योकि यह लोकतंत्र की मजबूती का सटीक उदाहरण है। पांच साल बाद ही अपना नेता चुनने का मौका मिलता है यदि इस बार मतदान नही देंगे तो आगे के पांच वर्ष किस तरह के नेता हमारे ऊपर राज करेंगे यह तो समय ही बताएगा। यदि अच्छी सरकार और नेता चाहते है तो अधिक से अधिक संख्या में मतदान करें व मनमाफिक नेता चुनकर मनमाफिक सरकार बनाकर देश को मजबूती दिलाए। मतदान के दिन कोई भी मतदाता मत देने से न चुके। जितना हो सके उतना मतदान करें।