Home भदोही चक्रव्यूह में मोदी

चक्रव्यूह में मोदी

देश की 17वीं लोकसभा के लिये चुनाव की घोषणा हो गयी है। वर्ष 2014 में निष्कंटक समर जीतने वाले नरेन्द्र मोदी के खिलाफ विपक्ष अपने सारे मतभेदों को भुलाकर एकजुट हो गया है। विपक्ष का साझा प्रयास मोदी को सत्ता से दूर करना है। कांग्रेस की यूपीए समेत सपा बसपा का गठबंधन और ममता बनर्जी के पहल वाले तीसरे मोर्चे का तीर भाजपा के कवच को बेधने को उतावता है। किन्तु भाजपा अगले इर्द गिर्द राम रक्षा और राष्ट्रवाद के मुद्दे की ऐसी घेराबंदी कर दी है जिसे बेधने की तरकीब निकाल पाना विपक्ष के लिये टेढ़ी खीर साबित हो रही है। तब और जब पाकिस्तान में घुसकर की गयी एअर स्ट्राइक भारतीयों के दिल दिमाग और मुंह पर चढ़कर बोल रही है।

ऐसे में कांग्रेस के लिये राफेल, ममता के लिये तानाशाही और सपा बसपा के लिये साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने के अंदेशे वाला नारा ही विपक्ष के हाथ लगी लाठी लग रही है। इसी को लेकर विपक्ष भाजपा के राम रक्षा और राष्ट्रवाद के किले को फतह करने मैदान उतरी है। मोदी के आभा मंडल को विपक्ष का कमजोर दिख रहा तीर कितनी चोट पहुंचायेगा इसे तो समय ही बतायेगा। किन्तु इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि इस बार मोदी का सत्ता तक पहुंच पाना उतना आसान नहीं लगता जितना वर्ष 2014 में था। तब यूपीए सरकार के 10 वर्षों के कार्यों से असंतुष्ट लोगों की नाराजगी मोदी के साथ थी।

किन्तु इस बार मोदी खुद 5 साल सत्ता संभालकर जनता के बीच में हैं। ऐसे में उनसे कुछ ऐसे कार्य भी हुये होंगे जो किसी को खुश तो किसी को नागवार लगे होंगे। जाहिर है नाराज लोगों को मोदी उतने नहीं भायेंगे जितना संतुष्ट लोगों को भाते हैं। एससीएसटी एक्ट के लिये पारित मोदी सरकार का अध्यादेश और गरीब सवर्णों के लिये 10 प्रतिशत आरक्षण किसी को सुहाया तो किसी को नाराज किया है। हालांकि मोदी सरकार की अनेक कल्याणकारी योजनायें जिन घरों में गैस के चूल्हें जलायी। जिनके घर विद्युत प्रकाश में उजास हुये। जिसकी खपरैल पक्के आवास में बदल गयी। चूल्हें जलायी। जिनके घर विद्युत प्रकाश में उजास हुये। जिसकी खपरैल पक्के आवास में बदल गयी। जिनकी बहू बेटियां अब खुले सीवान की जगह पक्के शौचालयों का उपयोग कर रही हैं। जिन किसानों के कर्ज माफ हो गये हैं। जिन किसानों के खातों में दो हजार तिमाही आने लगा है। जो बेरोजगार सरकार की योजनाओं के तहत बैंक से मदद पाकर रोजगारी व्यवसायी अथवा उद्यमी बन गये हैं। अथवा वे लोग जो पढ़े लिखे जागरूक तबका जाने जाते हैं। जो यह मान रहे हैं कि मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया में अहम स्थान बनाया है। देश के भीतर विकास की गति बढ़ायी है। उसे नजरअंदाज कर पाना तब और जब विपक्ष में उस कद काठी का कोई दूसरा नेतृत्व न हो उचित नहीं है।

इस बीच पाकिस्तान में हुई एअर स्ट्राइक मोदी के प्रति बढ़े गिले शिकवे को भी दूर कर दिया है। देश का अधिसंख्य युवा मोदी में ही भारत की साख देखने लगा है। ऐसे में मोदी का चुनौती देना विपक्ष के लिये उतना आसान नहीं रह गया जितना वह सोच रहा था। बावजूद इसके विपक्ष हल्के फुल्के आरोपों की फौज लेकर मोदी को घेरने की रचना किया है। विपक्ष अपने मंसूबे में कितना सफल होगा यह तो समय बतायेगा। बहरहाल मोदी की राह भी आसान नहीं दिखती। भाजपाध्यक्ष अमित शाह ने जिस दम खम के साथ जन्मभूमि स्थान पर ही राममंदिर बनाने का संकल्प दोहराया है। मोदी जिस रक्षा और राष्ट्रवाद को सामने लाये हैं उससे यह तय हो गया है कि भाजपा विपक्ष के आगे राम रक्षा और राष्ट्रवाद की ढाल ही सामने लायेगी।

Leave a Reply