भदोही। आज के आधुनिकता युग में जहां युवा पाश्चात्य संस्कृति से प्रेरित होकर भारतीय संस्कृति से जैसे दूर होते दिख रहे है। वही समाज में कुछ ऐसे भी लोग है जो समाज को उन्नत बनाने में भारतीय संस्कृति के उत्थान के लिए प्रयासरत है। जो समाज के लिए बहुत ही प्रेरणादायी है।
शुक्रवार को ज्ञानपुर के मां हंसवाहिनी पब्लिक स्कूल मातृ-पितृ पूजन दिवस का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों ने बडे ही श्रद्धा भाव और विधि विधान से पूजन किया। और माता-पिता ने भी बच्चों को सच्चे मन से आशीर्वाद दिया। पूजन के दौरान बच्चों ने माता-पिता तिलक लगाकर, माला-फूल पहनाकर, मिठाई खिलाकर आरती किया और माता-पिता की सात बार परिक्रमा की। इस दौरान माता-पिता और बच्चे इतने भाव विभोर हो गये कि सबकी आंखों से आंसू छलक पडे। इस समय उन लोगो को अपने माता-पिता को याद किया।
इस मौके पर स्कूल के प्रबन्धक ओम प्रकाश पाण्डेय ने बच्चो को सम्बोधित करते हुआ कहा कि माता-पिता की सेवा सबसे बडी पूजा है। माता-पिता ही संसार के सबसे बडे देवी देवता है।माता-पिता की सेवा करने वाले ही सौभाग्यशाली होते है। जिन्हें अपने माता पिता की सेवा करने का सौभाग्य मिलता है। कहा कि भारतीय संस्कृति में माता-पिता का बहुत बडा स्थान है।इनका अनादर करना सबसे बडा पाप है। माता-पिता की सेवा से विद्या, धन, यश व बल बढता है। कहा कि भगवान गणेश माता-पिता की पूजा से ही देवताओं में सबसे पहले पूजे जाने वाले देव बने। इतिहास में बहुत महापुरूष हुए जिन्होने माता-पिता की सेवा और उनके आदेशों के पालन में अपने को हमेशा आगे रखा और समाज में एक आदर्श प्रस्तुत किया।
इस मौके पर काफी संख्या में अभिभावक जिनमें जानकी शुक्ला, संतोष वर्मा, नुरूल इस्लाम, प्रमोद रावत, इजहार अंसारी, रीना सिंह, सरोजिनी यादव, खुशबू त्रिपाठी, ऋतुराज श्रीवास्तव, प्रमोद जायसवाल, शुभम, राहुल, अम्बुज, रत्नेश त्रिपाठी, श्वेता, सोनिया, कीर्ति, प्रीती और अर्चना समेत काफी लोग मौजूद थे।