Home भदोही नशामुक्त भारत पर कबीरमठ में हुई परिचर्चा

नशामुक्त भारत पर कबीरमठ में हुई परिचर्चा

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वाराणसी । शुक्रवार को काशियाना फाउंडेशन एवं सन्त कबीर प्राक्टय स्थल के द्वारा नशामुक्त भारत ( कबीर के विचार ) पर परिचर्चा का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम के अतिथि रहें विद्यापीठ के प्रोफ़ेसर डॉ श्रद्धानंद जी, समाजशास्त्री डॉ सुनील मिश्र जी, ( राष्ट्रीय नशामुक्ति व पुनर्वास समिति, भारत सरकार ) के सदस्य सुमित सिंह जी, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ हरिदास शास्त्री जी ( पटना, यूनिवर्सिटी ) ने नशामुक्ति को लेकर अपना अपना विषय रक्खा।
कार्यक्रम का संचालन गोविंद दास शास्त्री जी ( प्रबंधक, कबीरमठ लहरतारा ), जी ने व धन्यवाद उमेश जी ने किया।
प्रोफेसर श्रद्धानंद जी ने कहा कि समाज के कुरीतियों को जिस प्रकार से ख़त्म किया गया उसी प्रकार से कबीर के विचारों से भारत को नशामुक्त की ओर ले जाना होगा। चुकी समृद्ध समाज का निर्माण तभी होगा जब भारत नशामुक्त होगा।

सुमित सिंह ( सदस्य, राष्ट्रीय नशामुक्ति व पुनर्वास समिति, भारत सरकार ) ने कहा कि भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए सर्वप्रथम समाज को नशामुक्त होना होगा जिस प्रकार से भगवान बुद्ध व महात्मा कबीरदास जी ने अपने जीवन काल में नशामुक्ति की अलख जगाई थी उसी प्रकार से आज हम सब को संकल्प लेना होगा कि आज के भविष्य युवा पीढ़ी को इस अभिशाप से बचना होगा। तभी हमारा संकल्प पूर्ण होगा। वैसे हम सबको ज्ञात हो कि नशा आत्मनिर्भर भारत में बाधक है। आगे सुमित सिंह कहते हैं कि यह भारत हमारे आराध्य श्री राम का है, श्री कृष्णा का है, भगवान बुद्ध का है, कबीर का है और इन सबने समाज को नई दिशा दी है। हमें इन्ही के विचारों को आगे बढ़ना होगा। काशियाना फॉउंडेशन ऐसे कार्यक्रम करने के लिये सदैव तत्पर्य है।

डॉ सुनील मिश्र जी ने कहा कि जिस प्रकार से 600 साल पहले कबीरदास जी ने नशामुक्ति को लेकर अलख जगाई थी उसी प्रकार से हम सबको मिलकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नशामुक्त भारत के संकल्प को एक साथ मिलकर पूरा करना होगा।

गोविंदास जी ने कहा कि में काशियाना फाउंडेशन को आभार व्यक्त करता हूँ जो कि भगवान कबीरदास जी के विचार पर आज यह परिचर्चा रक्खी गई। आप को ज्ञात हो कि अगर आपको कबीरपंथी बनना हो तो सर्वप्रथम आपको नशे को ही छोड़ना होता है। में इस मुहिम को काशी से लेकर अखण्ड भारत में जितने भी लोग कबीरमठ से जुड़े हुए हैं सब को नशामुक्त भारत मुहिम से जोड़ने का कार्य करूँगा।

वैसे इस वैश्विक महामारी कोरोना ने भी नशेड़ियों की जान ज्यादा ली है। विश्व स्वास्थ्य संघठन का भी मानना है कि जो नशे में लिप्त है उनके लिये कोरोना से बच पाना मुश्किल है।

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