मुंबई
काव्यसृजन,साहित्यिक, सामाजिक एवम सांस्कृतिक संस्था द्वारा गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में पं.श्रीधर मिश्र जी की अध्यक्षता,मुख्य अतिथि आदरणीया सौ.नीलिमा दूबे(पाण्डेय) एवं अतिथि पं.गौरी शंकर मिश्र,अनुराग अंकुर, एन बी सिंह नादान की गरिमामयी उपस्थिति व बीरेंद्र कुमार यादव के उत्कृष्ट संचालन में राष्ट्रीय गीत प्रतियोगिता व कार्याध्यक्ष प्रा.अंजनी कुमार द्वेवेदी का जन्मदिन का भी आयोजन किया गया|
२६जनवरी २०२१ काव्यसृजन परिवार के लिए तिहरी खुशी लेकर आया|जिसे परिवार ने बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया भी|गणतंत्रोत्सव के साथ में संस्था के कार्याध्यक्ष प्रा.अंजनी कुमार द्विवेदी जी का जन्मदिन भी हर्षोल्लास के साथ मनाया|परिवार की खुशी तिगुनी तब हो गई जब प्रेमांजलि संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आदरणीय श्रीराम शर्माजी ने संस्था को सुसज्जित ध्वनि विस्तारक यंत्र भेंट किये|सभी ने अंजनी जी को बधाइयाँ व शुभकामनाएं दी|संस्था ने अपने लाडले का विधिवत सम्मान किया|
आयोजन की शुरुआत भारतमाता व माँ सरस्वती के चित्र पर मंचासीन अतिथियों द्वारा माल्यार्पण,दीप प्रज्जवलन, पूजन के उपरान्त लालबहादुर यादव कमल जी द्वारा सरस्वती वंदना से हुई| सर्व प्रथम सभी का अंगवस्त्र-पुष्पगुच्छ से स्वागत – सम्मान संस्था द्वारा किया गया,तत्पश्चात प्रतियोगिता शुरू हुई,इसमें संस्था पदाधिकारियों के अतिरिक्त अन्य उपस्थित साहित्यकारों जिनमें सर्वश्री दिगम्बर भट,श्रीराम शर्मा,कल्पेश यादव,स्नेहल यादव,राजीव मिश्र ,आर जे आरती सइया,शिखा गोस्वामी,रेखा तिवारी आदि रहीं ने प्रतिभागिता की,इस प्रतियोगिता का परिणाम घोषित करने में पंचपरमेश्वरों के पसीने छूट गये सभी प्रतिभागियों ने इतनी सुन्दर प्रस्तुतियाँ देकर उनको दुविधा के सागर में गोते लगाने के लिए विवश कर दिया, फिर भी निर्णय तो देना ही था, और काफ़ी देर प्रस्तुति की शैली, विषय वस्तु, कविता की संरचना आदि अनेक पक्षो पर विचार करने बाद निर्णय दिया जा सका |
पंचपरमेश्वर आदरणीय डॉ श्रीहरि वाणी जी,शिक्षाविद हौंसिला प्रसाद अन्वेषी जी,प्रा.अंजनीकुमार द्विवेदी जी शिक्षक लालबहादुर यादव कमल जी तथा पं.शिवप्रकाश जौनपुरी जी ने परिणाम की घोषणा की, जिसके अनुसार प्रथम स्थान प्राप्त किया कल्पेश यादव जी ने – जिन्हें संस्था ने “काव्यसृजन रत्न” से विभूषित किया, द्वितीय स्थान प्राप्त किया वरिष्ठ कवि दिगम्बर भट्ट जी ने जिन्हें संस्था ने “काव्यसृजन भूषण” से अलंकृत किया,तीसरे स्थान के लिए परिस्थिति कठिन बनी जिस वजह से पंच परमेश्वरों ने संयुक्त रूप से अधिवक्ता राजीव मिश्र व आर जे आरती सइया जी को संयुक्त रूप से तृतीय सम्मान प्रदान किया, दोनो विभूतियों को संस्था ने “काव्यसृजन पुष्प” से विभूषित किया| कुमारी स्नेहल यादव को भी प्रोत्साहित करते हुए सांत्वना पुरस्कार दिया गया,अन्य उपस्थित लोगों ने स्वरचित देशभक्ति से ओत – प्रोत गीतों से प्रत्येक उपस्थित जन को राष्ट्रीय गौरव के भाव से भर दिया|पं.शिवप्रकाश जौनपुरी, प्रा.अंजनी कुमार द्विवेदी,शिक्षक लालबहादुर यादव “कमल”,सौरव दत्ता “जयंत” ,अवधेश यदुवंशी,बीरेन्द्र यादव,गौरीशंकर मिश्र,
अनुराग “अंकुर” , हौंसिला प्रसाद अन्वेषी,डॉ. श्रीहरि वाणी,नीलिमा दूबे पाण्डेय,पं.श्रीधर मिश्र,एन बी सिंह “नादान” आदि ने उपस्थित श्रोताओं को भाव – विभोर कर दिया|
इस पावन अवसर पर सर्वप्रथम “प्रेमांजलि साहित्य संस्था” के संस्थापक अध्यक्ष आदरणीय श्रीराम शर्मा जी ने संस्था को सुसज्जित ध्वनि विस्तारक यंत्र भेटकर सब को आह्लादित कर दिया,संस्था के पदाधिकारियों ने उनका आभार व्यक्त किया
मुख्य अतिथि व मंचासीन अतिथियों ने आयोजन की भूरि भूरि प्रशंसा की व आयोजक मंडल को साधुवाद दिया| केपीएम के चेयर मैन डॉ मिथिलेश पाण्डेय जी ने प्रशंसा करते हुए प्रमाणिकता के साथ कवियों को वैज्ञानिक कह कर सम्बोधित किया और कहा कि साहित्य सेवा के लिए हम और हमारा विद्यालय सदैव प्रस्तुत रहेगा, सभी उपस्थितजनों ने करतल ध्वनि से उन्हें साधुवाद दिया|अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में आदरणीय श्रीधर मिश्र जी ने सभी कवि कवयित्रियों की रचनाओं पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि…आप सब इसी तरह लगन से लिखते रहें | ये मत सोंचे कि हमें कोई पढ़ता भी है कि नहीं, आप सब अपना करते रहें, आज नहीं तो कल पढ़े जायेंगे,यह सोंचकर न लिखें कि लोग हमें नोटिस करें, हमारी वाह – वाही करे बल्कि यह सोंचकर लिखें कि हमसे जो बन पड़ा हमने समाज को दिया|
अंत में संस्था के उपसचिव अवधेश यदुवंशी ने सभी उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया|गणतंत्र दिवस की बधाई व शुभकाना दी एवम सबका अभिनंदन करते हुए आयोजन के समापन की घोषणा की ||