भदोही। सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी में राष्ट्रीय रामायण मेला का श्री गणेश तो बुधवार को वैदिक रीति रिवाज के साथ प्रारम्भ हो गया। लेकिन प्रशासन की लापरवाही भी स्पष्ट रूप से देखी गई। कि मेला प्रारम्भ हो गया और गंगा के स्नान घाट पर बैरिकेटिंग नही कराई गई। जो कभी किसी बडी घटना की गवाह बन सकती है। इसपर प्रशासन व मेला समिति के लोगो को विशेष ध्यान देना जरूरी है।
मालूम हो कि इस रामायण मेला में भदोही के अलावा आसपास के जिले के लोग भी मेला में काफी संख्या में आते है। और यहां उत्तरवाहिनी गंगा होने के नाते गंगा का और ही महात्म्य है। लोग यहां स्नान व पूजन अधिक संख्या में करते है। बुधवार को मेला का शुभारम्भ किया गया लेकिन स्नान वाले गंगा घाट पर बैरिकेटिंग नही की गई है। प्रशासन व स्थानीय लोगों को पता है कि गंगा में डूबने की घटनाएं जिले के विभिन्न घाटों पर होती है लेकिन फिर भी मेला समिति और प्रशासन ने इस पर ध्यान नही दिया है। एक समस्या जो दिखी वह है साफ सफाई की। जो बेहद ही निराशाजनक है। रामायण मेला में कथा स्थल से गंगा घाट या बाल्मिकी आश्रम तक जाने का जो रास्ता है वह घास फूस से भरपूर है। जो आने जाने वालों को खुद समझ में आयेेगा। हालांकि मेला समिति के मुन्नालाल पाण्डेय भले मानते हो कि चित्रकुट और अयोध्या की तरह सीतामढी का भी राष्ट्रीय रामायण मेला सरकार की नजर में है। प्रयास किया जा रहा है कि सीतामढी मेला को भी शासन से सहयोग मिले। लेकिन यहां के प्रशासन व मेला समिति के लोगों की नजर यहां सुरक्षा व्यवस्था पर होना बेहद जरूरी है। गंगा स्नान घाट पर बैरिकेटिंग न होने से लोग मनमानी रूप से गंगा में तैर रहे है और खेल रहे है। जो किसी बडी घटना को दावत दे रहा है।