Home जौनपुर मुन्ना बजरंगी के अलावा किसी ने नहीं अपनाया यह कल्चर

मुन्ना बजरंगी के अलावा किसी ने नहीं अपनाया यह कल्चर

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जरायम की दुनिया में शामिल हुये लोगों की अपनी कुछ न कुछ विशेषता रही है। इन्हीं विशेषताओं के कारण ऐसे लोग चर्चाओं में शामिल हो जाते हैं। उनकी यहीं विशेष आदतों को अपनाने का प्रयास दूसरे लोगों ने भी शुरू की लेकिन वे सफल नहीं हुये। ऐसा ही अपराध जगत में भी देखा गया कि बजरंगी ने भी अपराध की दुनिया में एक ऐसा ही कल्चर अपनाया था, जिसकी नकल करने की कोशिस कई लोगों ने की लेकिन सफल नहीं हुये। उस कल्चर को जानने से पहले आईये देखते हैं कि बजरंगी की मौत के बाद अंदरखाने में क्या चल रहा है।

मीडिया सूत्रों की मानें तो मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद जरायम की दुनिया में खलबली मची हुई है। इससे पहले इसी गैंग के पुष्पजीत सिंह उर्फ पीजे और मोहम्मद तारिक की हत्या हो चुकी है। अब मुन्ना की मौत के बाद उसके गुर्गों को भी अपनी जान का भय सताने लगा है। चर्चाओं की मानें तो गिरोह से जुड़े कुछ लोग अब अपना नया आका चुनने की तैयारी में जुटे हैं। ऐसे हालात में बजरंगी गिरोह का अस्तित्व दांव पर है। आशंकाओं की मानें तो यह भी हो सकता है कि कोई इस गिरोह की कमान अपने हाथ में लेकर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देकर वापसी करे या सबकुछ बिखर जाये। हालांकि संभावित गैंगवार को देखते हुये पुलिस और एसटीएफ अपनी निगाह को चौकन्नी रखे हुये है।

बता दें कि पूर्वांचल के जरायम की दुनियां में कारपोरेट कल्चर को अपनाने वाला पहला माफिया मुन्ना बजरंगी ही था। जिसने एक निजी कंपनी की तरह अपने शूटरों को बकायदा वेतना देता था। यहीं वजह थी कि उसके पास शूटरों की एक लंबी फौज थी। 1995 से 2008 तक उसने शूटरों की एक बड़ी फौज खड़ी कर ली थी। यहीं समय था जब यूपी पुलिस और एसटीएफ ने कई एनकाउण्टर किये। इसके बाद अपना गिरोह बिखरता देखकर बजरंगी ने मुबई में शरण ली किन्तु जान का भय सताने लगा तो 2009 में गिरफ्तार हुआ और उसके पास शूटरों का अकाल पड़ गया। मुन्ना बजरंगी यानि अंतरराज्यीय गैंग संख्या 233 के मुखिया की हत्या के बाद जरायम की दुनिया का एक अध्याय अब खत्म हो गया है।

वहीं यह चर्चा शुरू है कि पूर्वांचल के जरायम जगत में अपनी हनक रखने वाले इस गिरोह का मुखिया अब कौन होगा। या फिर इस गिरोह को बिखेरने से बचाने के लिये एक लाख के इनामियां बीकेडी के नाम से जाना जाने वाला इंद्रदेव सिंह बजरंगी गिरोह की कमान अपने हाथ में लेगा। बता दें कि बीकेडी की अदावत एमएलसी बृजेश सिंह से है और कई सफेदपोशों से उसकी नजदीकियां बतायी जाती हैं।