Home मन की बात देश के मुखिया अब हमारी भी सुने- नामदार राही

देश के मुखिया अब हमारी भी सुने- नामदार राही

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हमार पूर्वांचल
नामदार राही

माननीय राष्ट्रपति महोदय हमारी भी सुनें।

कब तक झेलें सरहद पर गोलियां? माननीय, राष्ट्रपति महोदय, आपने भी देखा, हमने भी देखा, पूरी दुनिया ने देखा किस तरह सरहद पार से आने वाली गोली हमारे नौजवानों का सीना छलनी कर रही है। क्या इसका मुंहतोड़ जवाब देने के बदले हम सिर्फ शोक ही व्यक्त करते रहेंगे ? क्या विश्व बिरादरी के सामने कूटनीति का रोना रोकर इसी तरह नौजवानों को शहीद होने देते रहेंगे ? जिस तरह सरहद पार के शैतान ने अपने पालतू जानवरों को खुला छोड़ रखा है क्या हम इसी तरह उसकी कारगुजारियों को बर्दाश्त करते रहेंगे या उसको सबक भी सिखाएंगे ?

महोदय, कम से कम आप तो राजनीति और कूटनीति से ऊपर उठकर देश की सुरक्षा करने वाली तीनों सेनाओं के मुखिया हैं। क्या आप तीनों सेना अध्यक्षों को बुलाकर आपात बैठक नहीं ले सकते? क्या उसके लिए आपको भी  दिल्ली का मुंह देखना पड़ेगा ? महोदय, हमारे नौजवानों का मनोबल बढ़ाने की खातिर क्या हम सीमा पार सैनिक कार्रवाई नहीं कर सकते? महोदय 9/11 हमले के बाद अमरीका ने उसके मास्टरमाइंड को आकाश और पाताल से खोजकर ठिकाने लगा दिया था। हम क्या ऐसा करने से मजबूर हैं ? अब आप राजनेता नहीं बल्कि हमारे राष्ट्र के मुखिया हैं महोदय। कुछ करिए महोदय ,,, या फिर हम जैसे लोगों को सामूहिक आत्मदाह की अनुमति दे दीजिए ,,, हमारे देश के प्रहरी नौजवानों  की ऐसी हालत अब देखी नहीं जाती,

 

नामदार राही

मुंबई

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