Home भदोही अब मां की आवाज को भी तरसेगी कोमल

अब मां की आवाज को भी तरसेगी कोमल

भदोही। कोईरौना क्षेत्र के इनारगांव निवासी दुर्गेश गिरी की पत्नी सुनीता देवी की शुक्रवार को बोलेरो से कुचलकर गोपीगंज क्षेत्र के थानीपुर गांव मे मौत हो गई।
सुनीता अपनी आंख से दिव्यांग बेटी कोमल को जोरई मे स्थित आश्रम पद्धति विद्यालय मे छोडकर घर वापस इनारगांव आ रही थी। वह ज्ञानपुर से गोपीगंज के लिए टेम्पो मे दाहिने तरफ बैठी और थानीपुर पहुंचने पर सुनीता अचानक टेम्पो से सड़क पर गिर पडी तब तक तेज गति से आ रही बोलेरो ने रौदते हुये आगे निकल गई। सुनीता की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।   

घटना के बाद स्थानीय नागरिको ने थानीपुर मे ब्रेकर बनवाने के लिए करीब आधा घंटा सड़क को जाम किया बाद मे आश्वासन के बाद जाम छूटा। कुछ देर तक पुलिस ने घटना मे मृत महिला की पहचान न होने से ऊहापोह की
स्थिति मे रही लेकिन घटना के बाद फैली खबर से परिजन व इनारगांव के लोग को पहुंचे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सुनीता की बिटिया कोमल के बारे मे सोचकर लोगो की आंखे भर आ रही है।
सुनीता की बेटी कोमल जो आज तक अपनी को कभी देखी नही थी लेकिन मां की ममता के आगे उसे यह कभी अहसास न हुआ होगा कि वह कभी अपने मां को नही देखी है लेकिन अब उस बिटिया पर क्या गुजर रही है कि अब वह कभी अपनी मां की आवाज भी नही सुन पायेगी मां को देखना तो वैसे ही कोमल के भाग्य मे नही था। इनारगांव के सोनपुर प्राथमिक विद्यालय मे पढने वाली कोमल को कहां पता था कि उसकी पढ़ाई ही उसके जीवन को मां के बिना कर देगा। कक्षा चार मे पढ़ने वाली कोमल को अब ढांढस कौन बंधायेगा? कोमल को आगे बढने का हौसला कौन बढायेगा? किसके देखरेख मे कोमल का मन होगा कठोर? जो मां कोमल के हर नखरे को सरआंखों पर लेती थी अब किसे अपना नखरा दिखाएगी कोमल? मालूम हो कि सुनिता के पति दुर्गेश मुम्बई मे सेल्स मैन का काम करते है और सुनिता घर पर पांच बच्चो की परिवरिस करती थी। शुक्रवार को सुनिता अपने सबसे बडी बिटिया कोमल को आश्रम पद्धति विद्यालय मे छोडकर वापस घर लौट रही थी कि रास्ते मे यह घटना हो गई। बच्चो मे कोमल जो आंख से दिव्यांग है (11 वर्ष ), खूशबू (8 वर्ष ), राजन (7वर्ष ), सतीश(5 वर्ष ) और लकी (3 वर्ष ) अब बिना मां के हो गये

 शनिवार को कोमल फिर इनारगांव आई लेकिन इस बार उसकी मां नही है।यह सुनकर कोमल चित्कार उठी और रोन लगी। मौके पर उपस्थित लोग भी अपने आंसूओं को रोक नही पाये। सुनीता के तीनो बेटे हमेशा की तरह खेलते हंसते नजर आ रहे है। देखने से ऐसा नही लगता की अब इन बच्चो के सर से मां का साया उठ गया है। इनकी मासूमियत व गरीबी देखकर अनायास ही आंखो से आंसू छलक पड़ता है। दुर्गेश रविवार को इनारगांव आ जायेगे। सुनीता के शव का पोस्टमार्टम शनिवार को हुआ। घर पर रिश्तेदार व लोगो का तांता लगा है।

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