ठाणे। संगीत साहित्य मंच के तत्वावधान में दिनांक 11 जुलाई 2020 शनिवार शाम 4:00 बजे से 7:00 बजे तक संगीत साहित्य मंच की 65 वीं काव्यगोष्ठी और तीसरी ऑनलाइन काव्य गोष्ठी संपन्न हुई। यह कार्यक्रम रामजीत गुप्ता की अध्यक्षता और शिक्षक, कवि, सूत्रधार उमेश मिश्रा के संचालन में संपन्न हुआ। उक्त कार्यक्रम में गोरखपुर से संगीत साहित्य मंच के संयोजक एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष रामजीत गुप्ता, जौनपुर मड़ियाहूं से शारदा प्रसाद दुबे, मुलुंड से श्रीमती शिल्पा सोनटक्के नवी मुंबई खारघर से तनूजा चौहान, कलवा से विनय शर्मा दीप, ठाणे से अरुण मिश्र अनुरागी, सदाशिव चतुर्वेदी मधुर, संगीत साहित्य मंच के सह संयोजक नागेंद्र नाथ गुप्ता आदि प्रमुख रूप से विद्यमान थे l सभी कवियों ने अपनी तीन से चार रचनाओं का काव्य पाठ किया, कार्यक्रम बड़ा ही आनंदमय रहा। अंत में संगीत साहित्य मंच के सह संयोजक नागेंद्र नाथ गुप्ता ने आभार प्रदर्शन करके कार्यक्रम का समापन किया।
उपरोक्त सभी कवियों में से कुछ की रचनाएँ इस प्रकार रही।
वरिष्ठ कवि रामजीत गुप्ता के दो शब्द सराहनीय रहे-
रास्ता सुखदायी और फलदायी हो
तो मंजिल कि फिक्र नहीं होती।
रिश्ता नि:स्वार्थ और स्नेहमयी हो
तो कमियों की जिक्र नहीं होती।।
छंद के माध्यम से कवि विनय शर्मा दीप ने खूब वाह-वाही लूटी-
राधा बोली सखियों से चलो वृंदावन चलें,माखन चोर कान्हा कौ पहेली बुझायेंगे ।
मुरली अधर धर नाच नचाया ओ कल,आज उसी कान्हा कौ सहेली हौं नचायेंगे ।
पात-पात छिपे और डारन ठिठोली करे,लूका छिपी कैसे करें, आज हौं बतायेंगे ।
सांवरे सलोने नंद नटखट बांवरे कौ,चितचोर श्याम कौ दहेली हौं दिखायेंगे ।
संचालन करते हुए कवि उमेश मिश्रा ने क्या खूब कहा-
हमारे सर पे रखकर हाथ जो आशीष देते है
जहां के सारे दुख और दर्द हमसे छीन लेते है
जो अपने खून पसीने से हमको पाले पोसे है
पिता के रूप में धरती पर वे ही ईश होते है ll
वरिष्ठ कवि नागेन्द्र नाथ गुप्ता ने सुन्दर गजल से लोगों का दिल जीत लिया-
हंसना अपना जारी रखना,
चलने की तैयारी रखना ।
हर फन मौला होना मुश्किल,
लेकिन कुछ फनकारी रखना ।।