Home मुंबई लाकडाउन में काव्य-प्रहर का आन लाइन काव्यगोष्ठी हुई सफल

लाकडाउन में काव्य-प्रहर का आन लाइन काव्यगोष्ठी हुई सफल

386
0

लॉकडाउन 2.0 का सदुपयोग करते हुए वाराणसी की संस्था काव्य प्रहर की टीम ने 15 अप्रैल से 02 मई तक चलाये गये ऑनलाइन प्रहर काव्यगोष्ठी जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से लोग जुड़कर घर में रह कर लाकडाउन के नियम का पालन करते हुए, हर रोज शाम 8 से 9 बजे तक प्रहर काव्यगोष्ठी कार्यक्रम में निरन्तर भाग लिए। दिए गये विषय के अनुसार तुरन्त लिखकर रचना भेजते हुए प्रतिउत्तर के प्रयास में सभी कलमकार गोष्ठी का आनन्द लिये।

संस्था के संस्थापक अरुण आनन्द जी का कहना है कि हमारा लक्ष्य है ‘पढ़ो, सीखो, लिखो’ के अनुसार भाग लिए कुछ कलमकार शर्त के अनुसार खरे उतरे हैं। लाइव लेखन करना कुछ कठिन जरूर था परंतु धीरे-धीरे आसान हो गया। अब सभी कलमकार लिखने के लिए उत्सुक हैं। संस्था के सह संस्थापक केशव विवेकी जी का कहना है कि कविता ऐसी भी नही जिसे लिखने में सदियों बीत जायें, कलमकार के गुण यदि व्यक्ति में पूर्ण रूप से आ जायें तो उसके हर बात से एक स्वर निकलने लगता है। लाइव लेखन कराना संस्था का स्वयं का विचार था पर अब कलमकारों की उत्साह को देखते हुए यही कहा गया कि नवीन विचारें परिवर्तन के केंद्र बिंदु अवश्य बनते हैं। संस्था के संरक्षक अभिषेक जी का कहना है कि सभी के द्वारा लिखे मुक्तक पढ़ने में बहुत आनन्द आया और इसी प्रकार से कार्यक्रम आगे निरन्तर चलता रहेगा।

इस मंच ने ऑनलाइन गोष्ठी कराकर कुल 32 में से 13 लोगों को सम्मानित किया। कम से कम 10 दिन लिखने वाले कलमकार को स्थान देने का प्रयास रहा है। गाजीपुर उत्तर प्रदेश से डॉ. कमेंद्र सिंह “भ्रमर” जी, कविदीप दिलीप जी, सूर्यप्रकाश पंकज “सरस” जी, जौनपुर उत्तर प्रदेश से महेश गुप्ता जौनपुरी जी, प्रयागराज उत्तर प्रदेश से कुष्मिक रंजन श्रीवास्तव “मृदु” जी, लखनऊ उत्तर प्रदेश से जितेन्द्र हमदर्द जी, झाँसी उत्तर प्रदेश से विवेक उन्मुक्त जी, राजस्थान से चेतराम बैरवा जी, मध्य प्रदेश से वरिष्ठ कवि धनंजय सिते “राही” जी, आरती अक्षय गोस्वामी जी, कुन्दन पाटिल देवास जी, प्रिन्शु लोकेश जी, कु0 चंद्रशिला कलपुरे जी को प्रहर कलमकार से अलंकृत किया गया। डॉ. कमेंद्र सिंह “भ्रमर” जी, आदरणीया आरती अक्षय गोस्वामी जी और धनंजय सिते “राही” जी ने कहा कि इस मंच से बहुत को मिला जो हम घरों में बैठे रहे पर यहाँ युवाओं द्वारा अच्छा प्रयास रहा। कलम सुधार का यदि कोई मंच है तो काव्य प्रहर। सभी ने संस्था के संस्थापक का आभार जताया। अरुण आनन्द जी व केशव विवेकी सभी को आभार व धन्यवाद किये और विश्वास दिलाये की यह कार्यक्रम हमेशा आगे चलता रहेगा। प्रहर से जुड़े पत्रकारों को भी धन्यवाद किया।

Leave a Reply