Home भदोही मुख्य चिकित्सा अधिकारी के धमकने से खुला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का पोल।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी के धमकने से खुला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का पोल।

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डिलीवरी के एक घण्टे बाद ही डिस्चार्ज प्रसूता को जाते देख भड़की कर्मचारियों को किया कार्यवाही।

चेतावनी के साथ वार्ड आया के वेतन रोकने का दिया निर्देश।

(भदोही) गोपीगंज नगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीते देर रात मुख्य चिकित्सा अधिकारी के धमकने से जहां हॉस्पिटल के कर्मचारियों को साँप सूंघ गया वही आम जनमानस में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यो की सराहना की जा रही है। गोपीगंज का प्रमुख हॉस्पिटल जो अपने अच्छे बुरे कार्यो के लिए हमेशा चर्चा में रहता है उक्त हॉस्पिटल में बीते देर रात तेज तर्रार मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ लक्ष्मी सिंह अचानक धमक पड़ी।

इस दौरान ओपीडी, प्रसूति गृह, लैब, समेत अभिलेखों की सघन जांच पड़ताल शुरू कर दी साथ ही गेट पर पहुचते ही उनकी निगाह में एक बच्चे को जन्म देने वाली महिला घर जाने के लिए गेट के पास खड़ी मिली जिससे पूछ-ताछ में जब उनको मालूम पड़ा कि मात्र एक घण्टे पूर्व ही बच्चे को जनी है और उसे छुट्टी दे दी गई इतना सुनते ही आपे से बाहर हो गई और ड्यूटीरत कर्मचारियों की जम कर क्लास लेते हुए प्रसूति महिला को हॉस्पिटल में पुनः भर्ती कराया।

बताते चले प्रसूती महिलाओं को 24 से 42 घण्टे तक हॉस्पिटल में भर्ती रखने का दिशा निर्देश है। इसके साथ ही उपस्थिति रजिस्टर देख अनुपस्थित कर्मचारियों का नाम लिखकर साथ ले गई। साथ ही लेबर रूम में गंदगी देख भी जमकर क्लास लगाई। वही उक्त मामले में वार्ड आया गीता तिवारी का जहां वेतन रोकने का आदेश किया वही हॉस्पिटल अधीक्षक को व्यवस्था में सुधार लाने की चेतावनी दी। अब आम नागरिकों में चर्चा है कि इसी तरह मुख्य चिकित्सा अधिकारी बगैर सूचना दिए अस्पतालों में धमकेगी तो कर्मचारियों के रवैये में सुधार आ सकता है।

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