आज हम लोग संगठन क्यों बनाते हैं उसका कारण आम नागरिकों को पता है या नहीं है यह मुझे मालूम नहीं है कोई भी संगठन हो चाहे मेरा संगठन है आपका संगठन हो संगठन क्यों बनता है ताकि हम सब एक धागे में बांधकर कर समाज का काम कर सके समाज के पीड़ित परिवार का सहयोग कर सकें समाज में शिक्षा को बढ़ावा दे सके समाज में छात्रावास, अस्पताल धर्मशाला, सैन चौराहा, कर्पूरी ठाकुर प्रतिमा, बिद्धालय, विकास कर सके लेकिन हम लोग अलग अलग दिशा में भाग कर नाई समाज को एक गैर जिमेदाराना दिशा की ओर बढ़ रहे है संगठन कोई भी हो काम कोई भी करें वह महत्व नहीं देता काम अच्छा कौन कर रहा है कौन सा संगठन सही काम कर रहा है इस बात में ज्यादा महत्व है हम अलग-अलग संगठनों से जुड़कर एक दूसरे को नहीं जानते हुए भी एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हो जाते हैं क्यों इसका कारण मुझे आज तक समझ में नहीं आया कुछ लोग कांग्रेस से जुड़े हुए हैं कुछ लोग बीजेपी से जुड़े हुए हैं कुछ लोग बसपा से जुड़े हुए हैं कुछ लोग सपा से तो कुछ लोग मूल निवासी से जुड़े हुए हैं सब एक दूसरे की टांग खिंचाई करते हैं और कुछ लोग अपने मुँह मियां मिट्ठू बनकर की में बहुत बड़ा समाज सेवक हूँ और पूरे देश को हम ही हमारे ही संगठन से जुड़ जाए लेकिन उनको ये नही मालूम कि हम अपना जब घर परिवार और छेत्र,व्लाक, तहसील को एक नही कर पाते है देश एवम समाज की किया राजनीत करोगे?
आज कल प्रायः देखा जा रहा है कि लोग समाज की छोटी छोटी इकाइयों की तरह संगठन (कुकरमुत्तों) की तरह अपनी दुकान खोलते नजर आ रहे है और नए नए युवाओं को अपने चक्र व्यूह में फसा कर उनको पदाधिकारी बना देते है और उनसे पैसा इकट्ठा कराकर अपना उल्लू सीधा कर समाज को बर्गलाने का काम कर रहे है और अन्य संगठनों की मीटिंग की फ़ोटो पेस्टिंग दिखा कर लोगो को घुमराह करते नजर आ रहे है ।केवल कहने के लिए है मै फला संगठन का अध्यक्ष /महासचिव / प्रवक्ता एंव पदाधिकारी हूॅ केवल डी पी बनाकर स्वंय का प्रचार प्रसार करने के अलावा कुछ भी नही करते कही सामाजिक चर्चा करते भी नही दिखते। आज इन्हे शर्म आनी चाहिए उत्तर प्रदेश मे गोंडा जिला मे ठाकुरो द्वारा जानलेवा हमला, देवरिया प्रकरण, मऊ प्रकरण, राजस्थान के आहोर, महलपूरा चूरा गांव परबतसर एंव अन्य प्रकरण पर एक दो संगठन एंव पदाधिकारी विरोध किया और कार्रवाई हेतु आश्वासन दिया। लेकिन केवल अपना नाम बढाने वाले से दूर रहिये जो कहते फिरते है हमारा संगठन इतना पुराना है और हम फला पदाधिकारी है लेकिन काम रत्ती भर नही। साथियो बुजर्गो माताओ ,बहनों इस तरह के कुछ समाज मे सरार्ती तत्वों से सावधान रहने की जरूरत है जो जिस मिशन में कार्य कर रहे आप सभी अपने मिशन में लगे रहे और समाज को आगे ले जाने में अपना योगदान निरंतर प्रयासरत रहे जो लोग सहयोग नही कर सकते है वो गलत न सुने और न गलत बोले यही उनका सबसे बड़ा योगदान है।
संगठन अपनी जगह राजनीतिज्ञ पार्टी अपनी जगह अगर कोई अच्छा काम करता है चाहे किसी भी संगठन का हो चाहे किसी भी पार्टी का हो जो समाज हित का काम धरातल पर करता है हमे उसका साथ हम सबको मिलकर देना चाहिए मेरे समाज के नाई भाई जन नायक कर्पूरी ठाकुर सेवा समिति (मुंबई ) का उद्देश्य है पीड़ित परिवार के लिए लड़ना पीड़ित परिवार के लिए काम करना, हो सकता है मैं कमजोर हूं, हो सकता है मैं पीड़ित को न्याय ना दिला पाता हूं लेकिन कम से कम आवाज तो उठता हूं, अगर मैं आवाहन करता हूं तो आप लोग उस व्यक्ति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उस आवाज को इतना बुलंद कर दो कि आप सबकी आवाज उस सरकार, प्रशासन तक आवाज के साथ एक विकराल रुप ले लें तो और समाज को न्याय मिल सके, अगर आप लोग साथ नहीं देते हैं तो ना दें पर आप पीड़ित परिवार का सहयोग जरूर करें। आप अगुवाई करें मैं आपका साथ दूंगा अब मेरे कहने का मतलब है सीधा सादा जब कभी भी कहीं भी अगर आपको लगे कि हमारे नाई भाई/बहिन समाज के किसी बंधु या किसी महिला के साथ किसी भी तरह का अत्याचार होता है तो कानूनी तरीके से उस पीड़ित परिवार का सहयोग हम सबको मिलकर करना चाहिए। बाकी आप लोग समझदार हैं क्योंकि संगठन मेरा हो चाहे आपका सभी को समाज के विकास के लिए कार्य करना है संगठन में शक्ति होती जब संगठन में शक्ति होगी तो निश्चित ही समाज मे ताकत और विश्वास जागेगा इसी विश्वास के साथ हम सभी को कार्य करना होगा तभी हम आप सफल होंगे। जिस तरह हम आप घर परिवार के लिए समय देते है इसी तरह संगठन भी एक परिवार होता है और हम सभी को समय निकाल कर संगठन,समाज को समय देना चाहिए बाकी आप सभी समझदार है ……..