भदोही। गांव की सरकार बनाने का बिगुल बज चुका है। चुनाव में लड़ने वाले योद्धा वादे रूपी चुनावी हथियारों के साथ सज धजकर चुनावी समर कूदने को तैयार खड़े हैं। खबर यहीं है कि कोई भी पार्टी अपने चुनाव चिन्ह पर प्रत्याशियों को खड़ा नहीं करेगी किन्तु पूर्व की तरह राजनीतिक दलों का समर्थन प्रत्याशियों को अवश्य मिलेगा। अभी यह घोषणा होने में समय है किन्तु दलों का समर्थन प्राप्त करने के लिये भावी प्रत्याशियों में होड़ लग चुकी है।
बात करें भाजपा की तो जिले के पदाधिकारियों से लेकर लखनउ तक के प्रभुत्व वालें दरवाजों पर भावी प्रत्यासियों ने दस्तक देनी शुरू कर दी है। हालांकि राजनीतिक दलों द्वारा उन्हीं प्रत्याशियों को समर्थन देने की पहल होती है जो जीतकर अध्यक्ष चुनाव में संख्या बढ़ा सकें।
बात करते हैं जिला पंचायत चुनाव वार्ड नं-4 की, जहां पिछली बार 2015 में सपा समर्थित प्रत्याशी सुनीता विकास यादव चुनाव जीती थी। उन्होंने निर्दल प्रत्याशी वंदना तिवारी को 636 मतों से पराजित किया था। सुनीता यादव वर्तमान सपा जिलाध्यक्ष बाल विद्या विकास यादव की पत्नी हैं। 2015 में वंदना तिवारी पत्नी राकेश उर्फ पप्पू तिवारी दूसरे नंबर पर रहीं। हालांकि मुकाबला काफी रोचक रहा। वार्ड नं. 4 में 2015 में 56.76 प्रतिशत मतदान हुआ था। जिसमें 33 हजार 297 मतों में कुल 18 हजार 901 मत पड़े थे। उसमें 991 मत खारिज हो गये थे। जबकि 17 हजार 910 मत वैध पाये गये थे।
सुनीता यादव को 3 हजार 802 मत मिले थे जो वैध मत के सापेक्ष 21.23 प्रतिशत और कुल मतों के 11.42 प्रतिशत थे। सुनीता यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्दी वंदना तिवारी को 636 मतों से हराया था। वंदना तिवारी पत्नी राकेश उर्फ पप्पू तिवारी को 3 हजार 166 मत यानि वैध मतों के 17.68 और कुल मतों के 9.51 मत मिले थे। 2015 के चुनाव में तीसरे नंबर पर राजेश को 2068 मत, सलाउद्दीन को 1845 मत, मनीष को 1640 मत, जितेन्द्र को 1288 मत, राजेश को 1025 मत मिले थे। जबकि भाजपा समर्थित प्रत्याशी विपिन कुमार दूबे 979 मत प्राप्त करके 7वें स्थान पर थे।
इस बार फिर चुनाव की रणभेरी बजते ही चुनावी सैनिक रणभूमि में उतरने के लिये कमर कस लिये हैं। वार्ड नंबर चार से कुछ पुराने प्रत्याशियों के अलावा नये चेहरे भी जोर आजमाइस में लग चुके हैं। अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने अपना समर्थन किसी भी प्रत्याशी को देने की घोषणा नहीं की है। किन्तु समर्थन लेने के लिये महारथी अपने अपने पोस्टरों पर मोदी, योगी, मुलायम, अखिलेश, माया आदि नेताओं की तस्वीरें लगाकर खुद को अपनी-अपनी पार्टी का नेता साबित करने के होड़ में लगे हैं।
बता दें कि वंदना तिवारी भाजपा नेता राकेश उर्फ पप्पू तिवारी की पत्नी हैं। पप्पू तिवारी की छवि कई वर्षों से एक सामाजिक कार्यकर्ता की रही है। प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से लोगों की मदद करके श्री तिवारी हमेशा चर्चा में भी रहते हैं। मौजूदा समय में भाजपा का दामन थाम चुके पप्पू तिवारी पार्टी का समर्थन लेने में जुटे हुये हैं। वहीं पिछली बार भाजपा समर्थित प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके डा. विपिन दूबे भी प्रयासरत है। इन दोनों के अलावा कुछ और चेहरे समर्थन हासिल करने की होड़ में हैं। देखना यह दिलचस्प होगा कि पिछली बार दूसरे नंबर पर रहीं वंदना को भाजपा का समर्थन मिलता है या फिर भाजपा किसी को समर्थन देकर अपना चुनावी दांव खेलेगी। फिलहाल दल बल के साथ सभी अपने अपने दांव खेलने में लगे हैं।
जिला पंचायत वार्ड नं. 4 से एक बार फिर चुनाव में दस्तक दे रही वंदना तिवारी भाजपा नेता राकेश उर्फ पप्पू तिवारी की पत्नी है। राजनीति और सामाजिक कार्यों में अधिकतर सक्रियता पप्पू तिवारी की ही रही है किन्तु वंदना हमेशा एक धर्मपरायण अर्धांगिनी की तरह उनके साथ खड़ी नजर आती हैं। 2005 के पंचायत चुनाव में क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने जाने के बाद वंदना ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख बनी। इसके बाद 2010 के आम चुनाव में वार्ड नं. 5 में जिला पंचायत चुनाव में दस्तक दी । कुल पड़े 26,580 मतों में 6,184 मत पाकर विजय हासिल की। तत्पश्चात 2015 के आम चुनाव में वार्ड 4 से सुनीता विकास यादव से 636 मत से परास्त हो गयी। लेकिन समाज में उनकी राजनीतिक सक्रियता हमेशा बनी रही। इस बार फिर से वार्ड नं. 4 से चुनाव की तैयारी में जुटी हैं।