Home मिर्जापुर पंडो की कैद में माँ विन्ध्यवासिनी

पंडो की कैद में माँ विन्ध्यवासिनी

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रिपोर्ट – अभिषेक द्विवेदी

माँ विन्ध्यवासिनी के पावन धाम में पंडो की अराजकता दबंगई और गुंडई के कारण बहुत से श्रद्धालु अपमानित और धक्कामुक्की मारपीट के शिकार हो जाते है, बिंध्याचल धाम में श्रद्धालुओं से जबरदस्ती की वसूली होती है और ना देने पर मारपीट की जाती है। खासकर इन्होंने आपके पास थोड़ा भी पैसा देख लिया तब ये आपके पीछे पड़ जाते है और दर्शन करने के नाम पर आपसे जोर जबरदस्ती पैसा ले लेंगे। जो हमेशा दर्शन करने जाते है वो तो सब जानते है इसलिए बच जाते है, लेकिन जो दूर दराज और दूसरे प्रदेशों से लोग आते है अधिकांशतः लोगों का अनुभव बहुत बुरा होता है। स्थानीय दुकानदार सब जानते समझते हुए भी कुछ नही कह या कर पाते है क्योकि इनकी रोजी रोटी का सवाल है।

धाम के पंडे अब चारित्रिक और व्यवहारिक दरिद्रता के शिकार भी है। मुझे धाम के एक करीबी दुकानदार ने बताया कि भाई साब यहां के कुछ पंडे और उनके लड़के धाम की कमाई से अय्याशी करते है। मिर्जापुर नगर में जाकर शराब पीकर मुजरे वालियों का मुजरा देखते है और पैसा उड़ाते है और वही सो जाते है। पाप चढ़ गया है इन पंडो पर, अक्ल भी नही आती है कि अगर श्रद्धालु ही नही आएंगे तो इनके खर्चे कैसे चलेंगे रोजी रोटी के लाले पड़ जाएंगे, दुकानदार बिचारे तो भूखे मर जाएंगे। हो सकता कि मेरी बाते किसी किसी को कड़वी लगेंगी, लेकिन आप झुठला नही सकते आप सब भी सच्चाई जानते है धार्मिकता के नाम पर कोई कुछ नही बोलता। और त्रिकोड में ही माँ अष्टभुजा का दरबार है अब ऐसा कह लीजिए कि यहां के पंडे तो पूरे भेड़िया है, ये तो श्रद्धालु माँ बहनो से दुर्व्यवहार के लिए विख्यात है।

हममें से बहुतों ने ये देखा भी है और चर्चा भी करते है कि अरे यार यहां के पण्डे तो बहुत खराब और जो भी गंदी गली होता है देतें है। आखिर लोग पंडो को क्यों गाली देते है क्या कभी पंडो ने इस बात को लेकर आत्म मंथन किया बिकुल नही जैसा चल रहा बस चल रहा।  लेकिन पंडा समाज के पाप का घड़ा भर गया है। वहां के पार्किंग स्टैंड वाले भी अपने दुर्व्यवहार प्रसिद्ध है। आप सब भी मुह मत मोड़िये इसके बारे में कहिये कम से कम उनको इस बारे में पता चले कि लोग क्या कह रहे है, मैं पंडा समाज के वरिष्ठ लोगों से यह आग्रह करूँगा की अपने लोगों को जागरूक करिये की वह व्यवहारिक और विनम्र बने जिससे कि यहां आए हुए हर श्रद्धालु अपने साथ अच्छा अनुभव लेकर जाए।

अगर येअपनी आदत और व्यवहार नहीं सुधारते है तो सरकार को चाहिए कि यहां की हर व्यवस्था को वही की जिम्मेदार और वरिष्ठ पंडो को ट्रस्ट बना कर सौंप दे अथवा यहां पे माँ बैश्रो देवी धाम कटरा जम्मू , तिरुपति बालाजी या शिरडी के साईं संस्थान जैसे ट्रस्ट बना दे ,और चढ़ावा और प्रसाद का व्यवस्था ट्रस्ट करें।

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