सौ बार कर चुके हैं रक्तदान
भदोही। पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ गांव गली से लेकर शहर नगरों से चुनाव लड़ने को उतावले बरसाती मेंढकों की तरह उतर आए नेताओं की बढ़ी जमात को देखकर एक ऐसा नाम अनायास खयाल में कुरेद उठा जो 90 के दशक से शुरू अपनी निःस्वार्थ जनसेवा से हर धर्म जाति और वर्ग के लोगों के बीच आदर के दीपक की तरह अपने सेवा ज्योति की उजास बिखेर रहा है। जिसके एक संकेत मात्र से ही भदोही अंचल के लोग यह जान लिए होंगे कि ऐसा शख्स कोई और नहीं पप्पू तिवारी ही होगा। जिसकी एक आवाज पर हजारों की भीड़ चिलचिलाती धूप में भी सड़कों पर उमड़ पड़ती है। इसके पीछे उनकी वहीं निःस्वार्थ सेवा भावना है। जो हर वक्त उन्हें दीन दुखी और जरूरतमंदों के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए प्रेरित करती रहती है।
अपनों के बीच नेता नाम से विख्यात पप्पू तिवारी की खासियत उनके उस समभाव में है जो अमीर गरीब में फर्क नहीं करती। दरवाजे पर आए मंत्री, विधायक अथवा कोई भी धनाढ्य गणमान्य जो आदर सत्कार पाएगा। वहीं स्नेह सम्मान उस वृद्धा का भी होगा जो फटे पुराने कपड़ों में लिपटी अपने पोते अथवा पोती का हाथ थामें किसी मदद की अपेक्षा में दरवाजे पर खड़ी दिखेगी। किसी को राशन तो किसी को राशन कार्ड। किसी को बेटे बेटियों की शादी में मदद तो किसी को कोई अन्य समस्याओं के निदान की दरकार। पप्पू तिवारी सब को संतुष्ट करने में लगे दिखेंगे। प्रशासनिक समस्या हुई तो साथ जाकर निदान करेंगे। उसका कार्य होने तक चुप नहीं बैठेंगे। एक मध्यवर्गीय परिवार के पप्पू तिवारी कोई बड़े ठेकेदार नेता अथवा ठेकेदार अथवा ठसकदार सत्ता पहुंच वाले नहीं हैं, किंतु जरूरत पड़ने पर हर तक पहुंच रखने की कूवत उन्हें उनकी निस्वार्थ सेवा ने ही दी है।
भदोही से औराई के तरफ बढ़ें तो लबे रोड प्रजापति पुर में उनका सामान्य सा आवास और हाता है। जिसमें लोगों की भीड़ अक्सर देखी जा सकती है। जानने वाले जानते हैं कि वर्ष 1996 में सांसद बनी दस्यू सुंदरी स्व. फूलन देवी ने उनकी जनसेवा से इस कदर प्रभावित हुई कि उन्हें सिर्फ अपना जनप्रतिनिधि ही नहीं बल्कि धर्म भाई भी बनाया। उस दौरान भदोही अंचल के सैकड़ों गांवों में गरीबों के दरवाजे पर लगे हैंडपंप पप्पू तिवारी की पहल सहयोग से ही संभव हुआ। तभी से जनप्रिय हुई पप्पू तिवारी की जनसेवा आज उन्हें जरूरतमंदों के बीच मसीहा बना दिया है। उनकी पत्नी वंदना तिवारी कई बार जनप्रतिनिधि रह चुकी हैं। भदोही ब्लाक की पूर्व वरिष्ठ उप ब्लाक प्रमुख वंदना तिवारी अपने क्षेत्र से जिला पंचायत में भी नेतृत्व कर चुकी हैं। चुनाव छोटा हो या बड़ा। हर नेताओं की नजर पप्पू तिवारी के सहयोग की अपेक्षित हो जाती है। इसके पीछे पप्पू तिवारी से जुड़ा वह जनसमुदाय हैं जो उनके एक इशारे पर इकट्ठा हो जाता है।
आज पंचायत चुनाव के दौरान उमड़े मौसमी नेताओं की भीड़ में अनायास पप्पू तिवारी की याद दिला दी। जो अबतक के अपने जीवन में सौ के करीब लोगों की जान अपना रक्तदान कर बचायी है। यह सब याद दिलाने अथवा कहने के पीछे का स्वार्थ सिर्फ यह है कि चुनाव जीतकर सत्तासुख के अभिलाषियों में क्या कोई ऐसा भी है जो जनसेवा करके पहले जनता का बने। फिर जनप्रतिनिधि बनने की सोचे। ऐसे लोगों के लिये ही पप्पू तिवारी एक ऐसे नजीर का नाम है जिसे आज जनपद में वरिष्ठ भाजपा नेता की भी पहचान मिली हुई है।