Home जौनपुर परहित सरिस धर्म नहीं भाई… एक बहादुरी गाथा

परहित सरिस धर्म नहीं भाई… एक बहादुरी गाथा

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उत्तर प्रदेश, जौनपुर जिले के केराकत तहसील में 29 दिसंबर 2020 की दोपहर 2:00 बजे भीतरी गाँव में खलिहान में काम कर रहे कुछ मजदूरों और दो छोटे-छोटे बच्चों को बचाने के चक्कर में एक ग्रामीण का पागल लकडबग्घे से दो दो हाथ हो गया और अंततः ग्रामीणों के सहयोग से पागल लकडबग्घे को बड़ी मशक्कत के बाद मार दिया गया।

प्राप्त जानकारी के हुआ ऐसा था कि वनविभाग और पुलिस की टीम को सूचना मिली की 28 दिसंबर 2020 को भीतरी गाँव के पास गोबरा गाँव में लकडबग्घा देखा गया, जहाँ पुलिस प्रशासन और गाँव के लोगों ने रातभर वनविभाग अधिकारियों के साथ मिलकर मशाल जलाकर उसे ढूंढने की कोशिश की लेकिन उसे नहीं ढूंढ पाये लेकिन 29 दिसंबर 2020 को तड़के 6:00 बजे गोबरा गाँव के ग्रामप्रधान निरज यादव को काटा और घायल कर भाग गया और उन्हे तत्काल केराकत के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया और जहाँ उनका उपचार चल रहा है। गोबरा गाँव से प्रधान के उपर हमला करने के बाद सुबह 7:30 बजे उस लकडबग्घे को भीतरी गाँव में देखा गया जिससे सभी गाँव वाले सतर्क हो गये, उसके बाद करीब दोपहर 2:00 बजे खलिहान में काम कर रहे कुछ किसान मजदूरों और छोटे बच्चों पर हमला करने की कोशिश की और उन सभी को बचाने के चक्कर में मनोज कैलाश सिंह लकडबग्घे से भिड गए और घायल हो गए, गंभीर रूप से घायल होते हुए लकडबग्घे के जबड़े को दबाए रखा और मजदूरों-बच्चों को बचाने पूरी ताकद लगा दी तभी मौके पर पहुंचे गाँव वालों की मदत से आखिर में मार डाला गया।

उक्त घटना को विस्तार से बताते हुए मनोज सिंह के एक रिश्तेदार संतोष राय ने
कहा कि दोपहर 2:00 बजे मनोज कैलाश सिंह के सिंचाई मशीन के पास खलिहान में कुछ बच्चे खेल रहे थे और कुछ किसान मजदूर खेत की सिंचाई कर रहे थे। उसी समय कुछ दिनों से पागल हुए एक लकडबग्घे ने उन किसान मजदूरों पर हमला कर दिया, मजदूरों ने अपने बचाव में उनके हाथ में मौजूद कुदाल और फावडो को लकडबग्घे की तरफ फेंक के भगाने व मारने की कोशिश की लेकिन तभी मजदूरों के बचाव में दुसरे किसान मजदूर मदत के लिए आगे आये तभी लकडबग्घे ने उन पर भी हमला कर दिया। वहाँ अपने सिंचाई मशिन पर मौजूद मनोज सिंह ने देखा की वह लकडबग्घा खलिहान में खेल रहे दो बच्चों की तरफ लपका तभी बच्चों को बचाने के लिए लाठी लेकर वह उन बच्चों की तरफ दौडे तभी उन्होंने लाठी को उस जानवर की तरफ भगाने के मकसद से फेंक कर मारा और वह निहत्थे हो गए, ये देख कर लकडबग्घा उन पर हमला करते हुए टूट पड़ा, अपने आपको और मजदूरों-बच्चों को बचाने के लिए वह निहत्थे ही जूझने लगे तभी उस गाँव के कुछ लोग बरछी भाला लेकर उस लकडबग्घे पर टूट पड़े और बरछी से उसके मुँह पर हमला करते हुए उस लकडबग्घे को जान से मार दिया।

लकडबग्घे से हुई भिड़न्त में मनोज सिंह के एक हाथ में छः टाँके व दुसरे हाथ में फ्रैक्चर हुआ है और वन विभाग और पुलिस ने उन्हें तुरंत केराकत के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया, वहां प्राथमिक उपचार लेने के बाद एक प्राइवेट अस्पताल से अपना इलाज करवा रहे हैं।

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