Home मुंबई काव्यसृजन ने रचा साहित्यिक कीर्तिमान

काव्यसृजन ने रचा साहित्यिक कीर्तिमान

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मुंबई
मुम्बई महानगर की सर्वाधिक सक्रिय संस्था काव्य सृजन ने आज साकीनाका के योगा सेंटर में कोरोना की वैश्विक महामारी के बीच सरकारी निर्देशों का अनुपालन करते हुए भी इस दौर का कोरोना के मध्य वर्ष 2020 के अन्त में 25 दिसंबर को अपनी संस्था के तत्वावधान में प्रकाशित 31 कवियों की रचनाओं से सुसज्जित काव्य संग्रह ” काव्य सृजन वाटिका ” का भव्य.. सफल समारोह में लोकार्पण कर महानगर में इस दौर का पहला और 2020 का अन्तिम कार्यक्रम सफलता पूर्वक करते नवीन कीर्तिमान स्थापित कर दिया, जहाँ इन दिनों कोई भी संस्था सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन करने का साहस नहीं जुटा पा रही, मुम्बई की जीवन रेखा लोकल ट्रेन बन्द हैं फिर में इस आयोजन में प्रथम सत्र की अध्यक्षता हेतु वाराणसी से कीर्तिशेष कवि सुदामा प्रसाद पाण्डेय ” धूमिल ” के सुपुत्र रत्न शंकर पाण्डेय, प्रसिद्ध पत्रकार राजेश विक्रांत,मार्गदर्शक हौसिला प्रसाद अन्वेषी,कानपुर से समलोचक.. साहित्यकार श्रीहरि वाणी, पूर्व मनपा आयुक्त प्रकाश सांगलिकर आदि उपस्थित होकर आयोजन को सफल बनाये|
इस भव्य आयोजन के प्रथम सत्र में संस्थापक – अध्यक्ष पं.शिवप्रकाश जौनपुरी ने जहाँ मंच सजाया तो वहीं अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण,दीप प्रज्वलन व जालना से पधारे उमेश पाण्डेय की सरस्वती वंदना के पश्चात परिचर्चा व विमोचन सम्पन्न हुआ,संस्था के कार्याध्यक्ष आदरणीय अंजनी कुमार द्विवेदी ने प्रस्तावना रखी,प्रथम सत्र की अध्यक्षता आदरणीय राजेश विक्रांत के संचालन में आदरणीय रत्न शंकर पाण्डेय ने की | मुख्य अतिथि आदरणीय वीजू शिंदे (नगरसेवक),प्रकाश सांगलीकर (पूर्व मनपा उपायुक्त जल विभाग),पूर्व प्रधानाध्यापक हौंसिला प्रसाद अन्वेषी,शिवसेना शाखा प्रमुख उमाकांत भाई, प्रसिद्ध समालोचक डॉ श्रीहरि वाणी व डॉ मिथिलेश पाण्डेय ने अपने वक्तव्यों से पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए समाज में व्याप्त बुराइयों पर कवियों की लेखनी को साधुवाद दिया|संस्था ने सभी अतिथियों का अंगवस्त्र -पुष्पगुच्छ -कॉपी – कलम व नव विमोचित पुस्तक काव्यसृजन वाटिका 2020 भेंट कर सम्मान किया | संंस्था ने कोरोना से बचाव के सभी इंतजाम किये थे|संस्था ने आयोजन में उपस्थित तमाम लोगों को एन 95 मास्क प्रदान कर अपने सामाजिक दायित्व का भी निर्वहन किया|
द्वितीय सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता सचिव लालबहादुर यादव कमल के संचालन में सुप्रसिद्ध व्यंगकार आदरणीय कमलेश पाण्डेय तरुण ने की|
मुख्य अतिथि आदरणीय डॉ रामनाथ राणा,संजय उपाध्याय, रामप्यारे रघुवंशी,श्रीराम शर्मा की उपस्थिति में मुम्बई व ठाणे महानगर के कवियों ने खूब साहित्यिक बरसात की|
कवियों में पं.शिवप्रकाश जौनपुरी,सौरभ दत्ता जयंत, प्रो.अंजनी कुमार द्विवेदी,रजनीश प्रजापति,हौंसिला प्रसाद अन्वेषी, डॉ श्रीहरि वाणी,तरुण तनहा, आनंद पाण्डेय केवल,संजय उपाध्याय,राम प्यारे रघुवंशी,डॉ रामनाथ राना,श्रीराम शर्मा,माता प्रसाद शर्मा,सैयद ममनून अली, श्रीधर मिश्र ने एक से बढ़कर एक रचनाएँ प्रस्तुत कर सबको रोमांचित कर दिया|कवयित्रियाँ भी पीछे नहीं रहीं,अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराते हुए जहाँ कुमारी स्नेहल जिलाजीत यादव ने सबको हँसा हँसाकर लोट पोट कर दिया तो इंदू भोलानाथ मिश्रा व सुमन तिवारी ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया|
अतिथियों ने आयोजन की व संस्था के प्रयासों की भूरि भूरि प्रशंसा की व साधुवाद दिया|अपने अध्यक्षीय भाषण में आदरणीय कमलेश पाण्डेय तरुण ने कवि कवयित्रियों की रचनाओं पर संक्षिप्त प्रकाश डालते हुए सफल आयोजन व आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान करने वाले पदाधिकारियों क्रमशः पं.शिवप्रकाश जौनपुरी,पं.श्रीधर मिश्र,प्रा.अंजनी कुमार द्विवेदी,लालबहादुर यादव कमल,जिलाजीत यादव,सौरभ दत्ता जयंत की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए साधुवाद दिया,तदोपरांत अपने छंदों से सबको आह्लादित कर दिया|
अंत में कर्यॎाध्यक्ष प्रा.अंजनी कुमार द्विवेदी ने सभी अतिथियों कवि कवयित्रियों व सभागार में उपस्थित सभी श्रोताओं का हृदयतल से आभार व्यक्त करते हुए अभिनंदन किया|और ऐसे ही सदा सहयोग स्नेह बनाये रखने की अपील भी की|संस्था ने लोगों के लिए|भरपूर स्वादिष्ट जलपान व भोजन की भी व्यवस्था की|जिसको लोगों ने आनंदपूर्वक ग्रहण किया।

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