Home मुंबई हिंदी दिवस के उपलक्ष में वेबीनार के माध्यम से काव्य गोष्ठी संपन्न

हिंदी दिवस के उपलक्ष में वेबीनार के माध्यम से काव्य गोष्ठी संपन्न

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मुंबई। केंद्रीय राजभाषा हिंदी विकास परिषद एवं अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा के संयुक्त तत्त्वावधान में, १४सितंबर २०२०,सोमवार को हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर ‘विराट कवि सम्मेलन’ का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता वर्धा विश्व विद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. सुहासिनी बाजपेई ने की मुख्य अतिथि महाराष्ट्र हिंदी अकादमी के कार्याध्यक्ष तथा के.सी.कालेज के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ.शीतला प्रसाद दुबे ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। सम्मेलन में सर्वप्रथम सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत संस्था के अध्यक्ष आचार्य रामव्यास उपाध्याय ने प्रस्तुत किया।

केन्द्रीय राजभाषा हिंदी विकास परिषद के महामंत्री डॉ अमर बहादुर पटेल ने कार्यक्रम का संचालन किया। डॉ.शशिकला पटेल ने अतिथियों का परिचय दिया। मीडिया प्रभारी, फिल्म निर्देशक दिनेश श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का सफल संयोजन किया।कवियों में हृदयेश मयंक की कविता’पोंछ रहे तुम अपने माटी के चंदन को’,सत्य प्रकाश अवस्थी-‘गांव अच्छा था’, सिंधवासिनी तिवारी- ‘बाबू जी बाज़ार गए हैं’, डा. गोविंद गजब इसका ध्वज है फहराता, आलोक द्विवेदी-‘समय के इस वंचना में तुम न हो जाना प्रवंचित’ बिंदु दुबे-‘हिंदी हिंदुस्तान की, जय बोलो अपनी जुबान की’ सूर्य प्रसाद शर्मा-‘सब भाषाओं से प्यारी हमको हिंदी लगती है’, शशिकला पटेल-‘मंजिल मिल ही जाएगी निरंतर प्रयास से’, किरण मिश्र-‘इस देश का मान बढ़ाना है। हिंदी बोलिए’, दयाशंकर-‘सुखदा वरदा भवदा ललाम’, सावित्री तिवारी-‘हमारी आन है हिंदी हमारी शान है हिन्दी’, रामव्यास उपाध्याय-‘मैंने हिंदी दिवस फिर मनाया’…, प्रीति मिश्रा ‘राष्ट्रभाषा हिंदी’, रामसनेही विनय-‘हम भारतीयों के हृदय को बांधती हिंदी’, राम सिंह-‘कोरोना ने हाय राम बड़ा दुःख दीना’, डा. वर्षा सिंह-‘अलंकार रस छंद में कवि गण गाएं गीत’, आदि कवियों ने अपनी मधुर वाणी से कार्यक्रम में चार चांद लगाया।

हिंदी के मूर्धन्य साहित्यकार, संस्था के मार्गदर्शक संरक्षक, डॉक्टर श्रीभगवान तिवारी ने राष्ट्रभाषा हिंदी तथा राजभाषा हिंदी के विषय में विस्तृत एवं वैज्ञानिक विवेचन प्रस्तुत किया।शिक्षाविद् चंद्रवीर बंशीधर यादव ने हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दी। आभार डॉ अवनीश सिंह ने प्रस्तुत किया।

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