मुंबई । साहित्यिक सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था “काव्यसृजन” की तीसरी इकाई “काव्यसृजन महिला मंच (महाराष्ट्र) का गठन व प्रथम काव्यगोष्ठी हरीश शर्मा यमदूत की अध्यक्षता व महिला मंच (महाराष्ट्र) की अध्यक्षा सौ. इंदू भोलानाथ मिश्रा के संचालन में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का आगाज कार्यक्रम के अध्यक्ष हरीश शर्मा यमदूत व मुख्य अतिथि रमेश श्रीवास्तव द्वरा माँ सरस्वती को माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर अध्यक्षा इंदू मिश्रा द्वारा प्रस्तुत वंदना से हुआ। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जाने माने अंतरराष्ट्रीय मंचों के वरिष्ठ साहित्यकार रमेश श्रीवास्तव जी उपस्थित थे और महिला मंच के पदाधिकारियों का भरपूर उत्साहवर्धन किया।
कार्यक्रम पूरी तरह देश के सैनिकों को समर्पित रहा। उपस्थित कवि कवियित्रियों ने देश भक्ति से ओत प्रोत रचनाएं सुनाकर उपस्थित श्रोताओं को रोमांचित कर दिया लोग भारत माता की जय कहने से खुद को रोंक नहीं पाये।
सनद रहे यह काव्यगोष्ठी संस्था की अध्यक्षा इंदू भोलानाथ मिश्रा के निवास जयमाला अपार्टमेंट नीलेमोरेगाँव एफ विंग दूसरे महले पर नालासोपारा वेस्ट में आयोजित की गई जिसको सफल बनाने में संस्था की महासचिव सुमन तिवारी ने भरपूर योगदान दिया। कवियों शिवप्रकाश जौनपुरी, रमेश श्रीवास्तव, मुर्धन्य पुर्वांचली, अवधेश विश्वकर्मा, अभय चौरसिया, विजय कुमार अग्रवाल, मंगेश सिंह माही, बिरेंद्र यादव, श्रीनाथ शर्मा, अरुण दूबे, अंश तिवारी, रामकुमार वर्मा,राम सिंह जौनपुरी, हरीश शर्मा यमदूत,रहे।
कवियित्रियों में सुमन तिवारी इंदू भोलानाथ मिश्रा, कृष्णा तिवारी, गायित्री संतोष साहू ने अपनी रचनाओं से लोगों की खूब वाहवाहियां लूटी। उपस्थित लोगों ने करतल ध्वनि से सभी कवि कवियित्रियों का उत्साह वर्धन कर सम्मान किया।
इसी कार्यक्रम में कवियित्री पत्रकार गायित्री संतोष साहू, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रमेश श्रीवास्तव व कार्यक्रम के अध्यक्ष हरीश शर्मा यमदूत जो कि पूर्व जेलर हैं का सम्मान संस्था के संस्थापक शिवप्रकाश जौनपुरी, संस्था अध्यक्षा इंदू भोलानाथ मिश्रा, संस्था की महासचिव सुमन तिवारी, संस्था के मार्गदर्शक मुर्धन्य पुर्वांचली ने शाल श्रीफल भेंट कर किया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में शर्माजी ने सभी कवियों व श्रोताओं को साधुवाद दिया।
कविवर मूर्धन्य पूर्वांचली के अंदाज कुछ अलग दिखे-
लालच के चाँव का
अज़ीब ही प्रभाव हैं।
बिन्दू मात्र घाव पर
मरहम सवा पाव हैं।
आतंकवादियों को खरी-खोटी सुनाते हुए पंडित शिवप्रकाश जौनपुरी कहते हैं-
है शेर जब दहाड़ता सियार दुबक जाते हैं।
कुत्ते भी भौंकने वाले जंगल से खिसक जाते हैं।।
वो जब तक है शांत उसे सोहदा न समझिए।
मचलने से उसके केवल कितनों के दिल धड़क जाते हैं।।
कविवर अवधेश “नमन” संसार रूपी परिवार को एकता के सूत्र में बांधने के उद्देश्य को लेकर जन संदेश देते हुए कहते हैं-
कितनी भीड़ भाड़ है, चौराहे पर.
लगी बाजार है ,चौराहे पर।।.
किसी को फिक्र नहीं है,यहां पराये की,
लुट रहा है आदमी ,चौराहे पर।।.
कवियत्री इंदु भोलानाथ मिश्रा कश्मीर में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए भारत माता के पुत्रों को स्मरण करते हुए कहती हैं-
जिसे प्यारा था वतन वो तो, काबिल हो गये,,
जवॉ होते ही वीर सपूत सैन्य में शामिल हो गये,,
इसी प्रकार सभी साहित्यकारों ने पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए भारत माता के वीर सपूतों को को याद करते हुए रचनाएँ पढीं।अंत में संस्था की सचिव ने आये हुए सभी अतिथियों,कवियों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया और गोष्ठी का समापन किया।