भदोही: भदोही जिले के सुरियावां थाने के अंतर्गत बंशीपुर गांव के बटुक नाथ मिश्र का उनके पड़ोसियों के साथ जमीन बटवारे को लेकर पिछले कई महीनों से विवाद चल रहा है। जिसका मामला न्यायालय के अधीनस्थ है। जिसको लेकर बटुक नाथ मिश्र और उनकी पत्नी सुशीला देवी को पड़ोस की औरते और उनके घर के लोग गाली गलौच के साथ मारने पीटने की धमकी दी जाती रहती है। जब इस बात की शिकायत सुरियावां थाने में की जाती है, तो पुलिस विपक्षी के ऊपर किसी भी प्रकार का कोई कार्यवाही नही करती है जिससे उनके हौसले बुलंद होते चले गए।
बटुक नाथ मिश्र 58 साल और सुशीला देवी 54 साल बुजुर्ग है सुशीला देवी का स्वास्थ्य भी ठीक नही रहता क्योंकि वो कैंसर जैसी भयानक रोगी थी जिनका इलाज हुआ है जिससे उनका स्वास्थ आये दिन खराब ही रहता है। शरीर से दुबली पतली और बहुत ही कमजोर है। दिनांक 11 अक्टूबर को विपक्षी जन बटुक नाथ के घर के सामने गोबर रख कर उसका उपलि बनाने लगे इस बात को लेकर जब सुशीला 54 साल ने विरोध किया तो विपक्षी के घर की औरते गायत्री देवी, आरती देवी और उनका लड़का राहुल मिश्रा सुशीला देवी को दौड़ा कर उनके घर मे घुस कर मार पीट किये।
घटना के समय सुशीला के पति बटुक नाथ मिश्र घर पर नही थे जब वो घर पर आए तो विपक्षी राहुल मिश्र कट्टा लेकर बटुक नाथ को गोली मारने के लिए दौड़ाया। किसी प्रकार से बटुक जान बचाकर भागे और पुलिस थाने गए जहाँ से पुलिस जांच के लिए उनके घर गयी। इस बात को लेकर बटुक नाथ कई बार सुरियावां थाने में शिकायत कर चुके है जबकि अतीत में बटुक के माता जी जो अब नही है, को भी विपक्षियों ने इसी तरह के मार पीट में मार कर उनकी कमर की हड्डी को तोड़ दिया गया था । जिसके इलाज के बाद वो मर गयी उस समय भी बटुक नाथ की शिकायत सुरियावां थाने में किया गया पर मामले पर कोई मुकदमा नही दर्ज किया गया।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर बार बार शिकायत के बाद भी पुलिश दबंगो को क्यों नही रोक रही है। क्यों उन लोगो के ऊपर आपराधिक मामले का मुकदमा नही दर्ज हो रहा है। मामला जब न्यायालय के अधीन है तो विपक्षी क्यों जमीन को लेकर आए दिन कुछ न कुछ विवाद करते रहते है। सुशीला देवी के अनुसार विपक्षी हमेशा से ही उनको प्रताड़ित करते आये है और कई बार उनके पति को विवाद करके मार पीट चुके है।पुलिस उनकी सुनती ही नही अब तो उनको उनके परिवार के लोगो को विपक्षियों से जान का खतरा भी है। विपक्षी जब आज बन्दूक लेकर दौड़ाए है तो उनको अब गोली मारने में थोड़ा भी संदेह नही है।
पुलिस हमेशा दुर्बल को सताती है और दबंगों का साथ देती है. पुलिस यदि चाहे तो कभी भी कोई दबंग किसी को भी नहीं सता सकता. और अक्सर झगड़े न हो.