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शहरी गरीब कालोनियों में पुलिस को कत्ल का इंतजार

फोटा साभार: गूगल

बदनाम बालाओं की डेहरी पर वरदी वालों की हाजिरी

भदोही। शहरी गरीबों के लिये शहरीय क्षेत्रों बनी बहुमंजिली कालोनियों में बदनमियों ने डेरा जमा लिया है। यहां हर वह कृत्य हो रहा है जिसका नतीजा कत्ल की डेहरी तक पहुंचता है। ताज्जुब तो इस बात का है कि स्थानीय बेबसों की लिखित शिकायत को भी नजरअंदाज कर स्थानीय पुलिस शिकायत कर्ताओं को ही धमका कर चुप रहने को विवश कर देती है। यहां रहने वाला गरीब ईश्वरीय वरदान सरीखी मिली पक्की छत के नीचे बाल बच्चों के साथ सुरक्षित जिन्दगी जीने को तरस रहा है। चतुर्दिक अराजकता व्यभिचार और धमकियों के बीच उसे न तो रहते बन पा रहा है ओर अन्य आवास के अभाव में कहीं अन्यत्र जोने की गुंजाइस भी नहीं है। अराजकों की धमकी को नजरअंदाज कर यदि समूह में शिकायत की हिम्मत भी दिखाया तो उल्टे उसी पर बन आ रही है। आरोप है कि वरदी वाले साहब शिकायतकर्ताओं को ही फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी देकर न केवल चुप करा दे रहे हैं बल्कि शिकायत करने पहुंचे लोगों को हिरासत में लेकर हजारों ऐठने के बाद छोड़ने के आरोपों में घिरे हैं।

भदोही के मामदेव पुर स्थित शहरी आवास कालोनियों के शिकायतकर्ताओं की मानें तो कई वर्दी वाले उन बदनाम गलियों के नित्य शाम मुसाफिर हैं। जहां क्षेत्र के मनचले शोहदों की आवाजाही बनी रहती है। हद तो तब हो गयी जब महिला आयोग स्तर से आयी शिकायत को पुलिस ने इतने हल्के से लिया कि जवाब में शिकायतकर्ताओं को धमकाकर एक पक्षीय सुलहनाम लिखवाकर मामले को दबाने का प्रयास किया। जबकि आरोप स्पष्अ था कि कालोनी निवासी एक परिवार खुले तौर पर देह व्यवसाय में लिप्त है। शिकायत में उन शहरी लोगों मय नाम पता शिनाख्त भी दी गयी थी जो उक्त घुणित पेशे में सहभागिता निभाते हैं। इतना ही नहीं उस वरदी वाले जवान का नाम भी बताया गया था जो दिन में कई—कई बार मौका पाते ही बदनाम परिवार का मेहमान बनता रहता है। शिकायत भी किसी एक दो लोगों द्वारा नहीं बल्कि दो दर्जन से अधिक लोगों के हस्ताक्षर से भरी दरख्वास्त में हुयी है।

हालात यह है कि शिकायतकर्ताओं के ही जान पर बन आयी है। जाहिर है कि मनचलों की दैहिक तृप्ति एवं उक्त घुणित कृत्य को व्यवसाय बनाये परिवार में बाधा बन रहे शिकायत कर्ताओं के खिलाफ यदि कोई अनहोनी हो जाये तो आश्चर्य नहीं।

शहरी गरीब आवास कालोनियों की यह एक बानगी है। सच तो यह है यहां वह सभी कृत्य धड़ल्ले से होते हैं जो अपराध की श्रेणी में है। कालोनियों में मंहगे वाहनों से आन जाने लोगों में अनेक ऐसे हैं। जो खुद को उंची पकड़ वाला बताते हैं। शाम ढलने से लेकर देर रात तक यहां ऐसे लोग मिल जायेंगे जो किसी न किसी अराजक कार्यों में सक्रिय हैं। दैहिक सुख के अलावा जुआ अथवा मादक पदार्थों के लेन देन में भी शहरी गरीब कालोनियां अपराधियों के लिये सुरक्षित ठौर बन गयी हैं। यह न तो पहली शिकयत है ओर न पहली बार उठा मुद्दा। समय समय पर ऐसी शिकायतें सामने आती रहती हैं। किन्तु हर बार पुलिस इसे नजरअंदाज ही करती रहती है। जिले में विकास भवन के पास कंसापुर में बनी 15 सौ आवासों वाली कालोनी की बात हो अथवा सुरियावां क्षेत्र के ग्राम कैड़ा में बने शहरी आवास अथवा अभोला में बनी शहरी गरीब कालोनी। हर जगह अराजकतत्वों ने डेरा जमा रखा है। कंसापुर कालोनी में कई गंभीर घटनायें हो चुकी हैं। कई बार फर्जी आवासीय भी पकड़ में आये हैं। किन्तु कोई ऐसी व्यवस्था या कड़ाई नहीं हुई जिससे कालोनियों को अपराध से मुक्ति मिल पाती।

ताजा मामला मामदेव पुर के शहरी गरीब आवासीय कालोनी का है। शिकायत है कि यहां ब्लाक 12/137 में अपने पति के साथ रहने वाली महिला खुले तोर पर देह व्यपार कर रही है। दावा किया गया है कि भदोही के रामसहायपुर मोहल्ला निवासी विष्णु पुत्र कल्लू नामक व्यक्ति अपने साथियों के साथ उक्त अनैतिक व्यवसाय में सहभागी है। उसी के द्वारा शहरी ग्राहक कालोनी तक पहुंच रहे हैं। आरोप है कि उक्त लोगों द्वारा कालोनी की अन्य महिलाओं को भी घिनौने व्यवसाय के प्रति प्रेरित किया जा रहा है। विरोध करने पर फर्जी मुकदमों में फंसाने अथवा रास्ते से हटा देने की धमकी मिलती है। बड़ी बात यह है कि इस कार्य में धौरहरा पुलिस चौकी के एक वरदीधरी का नाम भी आरोपियों की सूची में है। करीब दो दर्जन लोगों द्वारा हस्ताक्षरित शिकायत महिला आयोग से की गयी है।

बताया गया कि स्थानीय पुलिस मामले को दबाने के प्रयास में लगी है। दबाव ऐसा कि शिकायत करने पहुंचे लोगों को चौकी में बैठा लिया गया। छोड़ने के लिये हजारों की मांग की जाने लगी। शिकायतकर्ताओं से बलात एकपक्षीय सुलहनामा लिखवाया गया। तत्पश्चात शिकायतकर्ताओं ने महिला आयोग में शिकायत की जिसकी जांच का निर्देश क्षेत्राधिकारी भदोही के कार्यालय पहुंचा। बताया गया कि आरोपी को एक बार भी कार्यालय नहीं बुलाया गया किन्तु शिकायत करने वाली महिलाओं को कई बार क्षेत्राधिकरी कार्यालय बुलाकर घंटो बैठाया गया। अंत में कार्यालय के एक सिपाही द्वारा जबरदस्ती एकपक्षीय सुलह करने का दबाव डाला गया। जाहिर है पुलिस का यह कृत्य शहरी गरीब आवासों में पनप रहे अपराधिक तत्वों को उस रास्ते पर जाने के लिये प्रोत्साहित कर रहे हैं। जो रास्ता कत्ल की डेहरी तक ले जाता है।

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