सूरत : सूरत के रेलवे स्टेशन पर कुलियों की दबंगई खूब चल रही है, गांव जाने वाले यात्रियों से स्लीपर की बोगी में आपात कालीन खिड़की से ट्रेन में चढ़ाने के एवज में हर यात्रियों से 200 से 300 रुपये वसूल रहे है। इस समय दीवाली और छठ पूजा की वजह से काफी उत्तर भारतीय अपने गांव जाने के लिए स्टेशन पर पहुँच रहे है, भारी भीड़ और मात्र एक ट्रैन रेगुलर होने की वजह से यात्रियों को टिकट नही मिल पा रहा है जिससे यात्री परेशान है। टिकट न मिलने की वजह से लोग स्लीपर में बिना टिकट की यात्रा करने के लिए मजबूर हो रहे है।
यात्री गांव जाने के लिए बहुत परेशान हो रहे है और रेलवे प्रशासन कोई वैकल्पिक व्यवस्था नही कर रही है, जिसका भरपूर फायदा कुलियों को मिल रहा है। यात्री गेट से न घुस पाए इसके लिए ट्रेन के आने पर ही अपने आदमी से गेट पर भीड़ लगवा दे रहे है और आपातकालीन खिड़की पर कब्जा करने के लिए खड़े हो जा रहे है और टिकट वाले और बिना टिकट वाले सभी से अंदर घुसाने के लिए 200 से 300 रुपये वसूल रहे है।
कुलियों की दबंगई इस तरह से चढ़ कर बोल रही है कि वो किसी को भी अंदर जाने नही दे रहे है चाहे यात्री का टिकट कंफर्म क्यों न हो। हमार पूर्वांचल के रिपोर्टर जब इस बात की सूचना प्लेटफार्म पर तैनात आर पी एफ के अधिकारियों से किये तो अधिकारियों ने उनको रोकने की बजाय नसीहत देने लगे कि मीडिया वाले कुछ नही कर सकेंगे, मीडिया वाले कुछ भी लिखे कुली बोल देंगे कि वो यात्रियों के सामान पहुचने के एवज में पैसे ले रहे है।
जानकारी के लिए बता दे कि सूरत में मुम्बई के बाद सबसे ज्यादा उत्तर भारतीय अपनी रोजी-रोटी के लिए रहते है, और पिछले दो तीन सालों में जिस गति से उत्तर भारतीयों की संख्या सूरत शहर में बढ़ी है उसके अनुसार एक भी ट्रेन नई नही चलाई गई। वर्तमान में एक दो साप्ताहिक ट्रैन चालू तो हुई है पर उनसे कोई विशेष फर्क नही पड़ा है।