पर्यावरण के लिहाज से बन रही गोबर की गणपति मूर्तियो की मांग बढी
कल्याण: मेरा फाउंडेशन और संस्था के तरफ से गाय के गोबर से बन रही गणेश मूर्तीयो की खरीदी के प्रति गणेश भक्तों का ध्यान अब आकृष्ट होने लगा है जिसके कारण इन मूर्तियो की बिक्री बढ गयी है।
बता दें कि संस्था के अध्यक्ष योगेश राजपूत का कहना है कि १००% गोबर से बनाई गयी यह मूर्ति देशी गायों के मल मूत्र से वैदिक पद्धति से बनाई जाती है जिसकी ऊचाँई १ फुट से डेढ फुट तक रहती है और इस महंगाई के जमाने में और किसी ईकोफ्रेन्डली मूर्ति की कीमत ४००० रू से उपर वहां इस मूर्ति की कीमत मात्र १२०० रु से उपर और १८०० रू से नीचे की दर मे भी मिल सकती है।
बतातें चलें कि इस मूर्ति की पूजन पाठ के बाद विसर्जन के समय जल प्रदूषण की समस्या ना के बराबर है तथा उन नदियों तालाबो के पानी में आसानी से घुल जाती है साथ ही साथ उन जलों में प्राण वायु का संचार भी कर देती है जिन जलों का उपयोग भरपूर मात्रा के पैदावार बढाने के लिए खेतो मे सिंचाई भी की जा सकती है।
श्री राजपूत के अनुसार हिन्दूओ को सिर्फ गौ बचाओ आंदोलन और गौरक्षा के नाम पर केवल चंदा देकर और हाय तोबा मचाकर ही गौसेवा का पुण्य नहीं मिलता बल्कि ऐसे उपयोगी मूर्तियो को भी घर में स्थापित कर गौ सेवा से मिलनेवाला पुण्यलाभ भी अर्जित किया जा सकता है।