प्रयागराज – उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) के हंडिया थाना अंतर्गत अजीबो-गरीब दास्तां सामने आई है, जहां पुलिस १०० नंबर पर काल करने पर बार-बार पहुंचती तो है लेकिन गलीछाप गुंडो के सामने पीड़ित परिवार को ही सांत्वना देकर लौट जाती है।
गौरतलब है कि हंडिया थाना अंतर्गत गांव प्रभुपुर है, जहां पर 18 नवम्बर को स्थानीय निवासी ७० वर्षीय बुजुर्ग क्षमापति पांडेय के मकान के पीछे 10-15 सालों से जंगली पेड़ के साथ शीशम, नीम की हरियाली थी। कुछ हरे पेड़ अभी भी मौजूद है, जिसकी जबरन कटाई यहां के गलीछाप गुंडों का परिवार करता रहा। पुलिस को १०० नंबर पर काल करके कई बार बुलाया गया और पुलिस आती रही और पीड़ित परिवार को सांत्वना देकर लौटती रही। राजेश मिश्रा, तुलसी राम मिश्रा, बृजेश मिश्रा, नीरज मिश्रा, घनश्याम उर्फ जगन्नाथ मिश्रा ने अपने 10 से अधिक समर्थकों के साथ जबरन उक्त पेड़ कटाई कार्य को अंजाम दिया। इसके साथ ही पेड़ की कटाई की सुचना पुलिस को देने के बाद पुलिस की गाड़ी लौटते ही उक्त लोगों ने ७० वर्षीय बुजुर्ग क्षमापति पांडेय परिवार के घर को गोजी-डंडा लेकर घेर लिया और उक्त परिवार किसी तरह अपनी जान बचाकर मकान के शटर को ताला बंद कर लिया। इस दौरान उक्त बुजुर्ग का छोटा बेटा वीरेन्द्र पाण्डेय बाहर रह गया, जिसे बूरी तरह पीटने के साथ कुल्हाड़ी लेकर दौड़ा मिश्रा परिवार ने पीटा।
आखिर थानाध्यक्ष मौन क्यों..?
इस मामले में सबसे चौकाने वाला तथ्य यह सामने आ रहा है कि ३ दिनों बाद भी अभी किसी भी प्रकार का आपराधिक मामला पुलिस द्वारा दर्ज नहीं किया गया है। इस मामले में हंडिया थानाध्यक्ष अनिल सिंह से इस संवाददाता ने बुधवार की शाम बातचीत किया तो उन्होंने जमीनी विवाद बताकर पल्ला झाड़ने का प्रयास किया लेकिन दुबारा पेड़ कटाई एवम् डंडा-गोजी लेकर दौड़ते विडियों को जब उन्हें मुहैया करवाया गया तो उन्होंने दावा किया कि ‘हमारे पास तहरीर नहीं पहुंची है, और कल स्वयं मामले की तफ्तीश करके पेड़ कटाई एवम् जानलेवा हमले का आपराधिक मामला दर्ज करूंगा।
हमले का राज क्या है..?
हंडिया थाना अंतर्गत ग्रामसभा शुकुलपुर के प्रभुपुर टोला मूल निवासी क्षमापति पांडेय के एक लड़के सुरेंद्र मणि पाण्डेय ने करीब एक महीने पूर्व हंडिया उपजिलाधिकारी के पास ज्ञापन दिया था कि गाँव के उक्त लोग जबरन उनके जमीन पर कब्जा कर रहे हैं और उसके बगल में सरकारी जमीन कंपोज गड्ढे पर भी कब्जा कर लिया है, और भवन निर्माण किया गया है, जिसकी निष्पक्ष जाँच कराई जाय। इसके बाद जिलाधिकारी के आदेश पर राजस्व विभाग से लेखपाल एवम् कानूनगो द्वारा कच्ची माप करवाई गयी और उक्त अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। ऐसे में बुजुर्ग क्षमापति पांडेय कहते हैं कि ‘हमारा परिवार सदमें में है और यदि हमारे परिवार के किसी भी सदस्य के साथ जान-माल की कोई अप्रिय घटना घटती है तो लेखपाल-कानूनगों जिम्मेदार होंगे लेकिन पुलिस प्रशासन भी यदि हमारा नहीं सुनेगा तो हम कहां जायें।’