मुम्बई : रविवार, 17 जनवरी 2021 को हिंदी अकादमी, मुंबई द्वारा ‘कुछ अनकहे शब्द’ भाग-1 का आयोजन किया गया। ‘प्रवासी रचनाकारों की कहानी, उन्हीं की जुबानी’ इस उद्देश्य को लेकर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ है। देश-विदेश के सुनहरे रंग, प्रवासी रचनाकारों के संग, इस घोषवाक्य के साथ आयोजित इस कार्यक्रम में प्रवासी रचनाकार के रूप में यू.के. से श्री तेजेंद्र शर्मा जी उपस्थित थे। उन्होंने अपने कृतित्व के विविध आयामों को प्रस्तुत किया। उन्होंने कविता पाठ करने के पश्चात कहा कि- “साहित्यकार प्रवासी नहीं होता , आज का नवयुवक स्वतंत्र है। उससे पिछली पीढ़ियों को सीखने की और साथ-साथ सही मार्गदर्शन करने की ज़रूरत है। नए साहित्य के साथ आज के साहित्य का समन्वय होना चाहिए।” इस कार्यक्रम में आमंत्रित कवयित्री डॉ. शकुंतला सरूपरिया ने अपने गीतों से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्य अतिथि के रूप में श्री पीयूष शुक्ल जी (आई. आर. एस.- संयुक्त सचिव, जीएसटी, मुंबई) ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए अपनी लिखी हुई रचना प्रस्तुत की। इसके साथ ही साथ हिंदी अकादमी, मुंबई द्वारा इस कार्यक्रम को अपनी शुभकामनाएं देते हुए आयोजक तथा संयोजक को प्रोत्साहित किया। इस कार्यक्रम का सफल संचालन हिंदी अकादमी, मुंबई के उपाध्यक्ष श्री आलोक चौबे ने किया तथा हिंदी अकादमी, मुंबई के अध्यक्ष डॉ. प्रमोद पांडेय ने अतिथियों का परिचय एवं आभार प्रदर्शन किया। अंत में अकादमी के अध्यक्ष ने कहा कि यह कार्यक्रम इसी तरह आगे जारी रहेगा।