रिपोर्ट-रामलाल साहनी
मिर्जापुर- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत एल.पी.जी. गरीबी, सामाजिक उत्थान और सामाजिक परिवर्तन का एक उत्प्रेरक बन गया है।
खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन की पहुंच सुनिश्चित करना मोदी सरकार की विकास रणनीति के मूल में है जो कि सशक्तिकरण और आसान जीवन यापन के लिए जरूरी है।
भारत में एल.पी.जी. विपड़न 1995 में शुरू हुआ। अप्रैल 2014 तक भारत में 13 करोड़ एल.पी.जी. उपभोक्ता थे और राष्ट्रीय एल.पी.जी. कवरेज 55% था। पिछले 4:30 वर्षों में PMUY के तहत 6.0 कर्वड कनेक्शन सहित लगभग 12.10 करोड़ नए एल.पी.जी. कनेक्शन जारी किए गए हैं। यह एक रिकॉर्ड समय में 100% वृद्धि हुई है।
आज 100 परिवारों में से 90 के पास रसोईं गैस के माध्यम से खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन है। उज्जवला योजना अपने तरह की सबसे बड़ी योजना है जिसमें 8 करोड़ गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन मार्च 2020 तक देना है और इसके लिए सरकार ने 12800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। पहले इस योजना का लक्ष्य मार्च 2019 तक 5 करोड़ लोगों को कनेक्शन देना था इस लक्ष्य को अगस्त 2018 में ही पूरा कर लिया गया है।
उज्जवला योजना की शुरुआत में मिर्जापुर में एलपीजी कवरेज करीब 38% था और उज्जवला योजना के बाद अब मिर्जापुर में एलपीजी कवरेज करीब 72% हो गया है। मिर्जापुर में अब तक कुल 1.5 लाख से अधिक कनेक्शन उज्जवला योजना के अंतर्गत दिए जा चुके हैं, इसमें करीब 70 हजार एससी एसटी के लाभार्थी हैं। शुरुआत में उज्जवला योजना में यस ई सी सी 2011 की लिस्ट के आधार पर कनेक्शन दिए जाते थे। 1 अप्रैल 2018 से इसमें साथ में ही कैटेगरी सम्मिलित की गई थी जैसे कि sc-st अंत्योदय अन्न योजना की लाभार्थी इत्यादि। और प्रधानमंत्री जी का विजन है कि सभी गरीब परिवारों स्वच्छ ईंधन पहुंचना चाहिए इसके लिए अब कोई भी गरीब परिवार जिसके पास कनेक्शन नहीं है वह उज्जवला योजना के अंतर्गत कनेक्शन ले सकता है।
PMUY लाभार्थियों द्वारा रसोई गैस का निरंतर उपयोग किया जा रहा है। 80% से अधिक लाभार्थी राष्ट्रीय स्तर पर दूसरी रिफिल के लिए वापस आए हैं। मिर्जापुर में यह आंकड़ा 85 प्रतिशत पर आता है। मिर्जापुर जिले में PMUY की प्रति व्यक्ति खपत 2.6 सिलेंडर है। PMUY लाभार्थियों द्वारा एलपीजी के निरंतर उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए आयल कंपनियों ने छ रिफिल के लिए सब्सिडी के माध्यम से ऋण राशि की वसूली को स्थगित कर दिया।
साथ ही कोई भी उज्जवला ग्राहक अपने 14.2 किलो के सिलेंडर को बदलकर 5 किलो का कनेक्शन आसानी से प्राप्त कर सकता है और जब मर्जी चाहे फिर से 14.2 किलो का कनेक्शन ले सकता है।
प्रधानमंत्री एलपीजी पंचायत के नाम से ग्रामीण एलपीजी उपयोगकर्ताओं के लिए इंटरएक्टिव संचार मंच की शुरुआत की गई है जिसमें उपयोगकर्ताओं को एलपीजी के सुरक्षित उपयोग और लाभों पर शिक्षित किया जाता है। मिर्जापुर जिले के कुल 87 एलपीजी पंचायत अब तक किए जा चुके हैं।
एलपीजी वितरण नेटवर्क का विस्तार भी किया जा रहा है जिससे सभी ग्राहकों को पूरी सुविधा दी जा सके। उज्जवला योजना की शुरुआत में मिर्जापुर जिले में कुल 19 वितरक थे और अब पूरे जिले में 34 वितरक हैं। अब सभी ग्रामीण वितरकों को होम डिलीवरी की सुविधा सभी ग्राहकों को देनी है। साथ ही 24×7 लीकेज समस्याओं के समाधान के लिए 1906 टोल फ्री नंबर की शुरुआत की गई है।