उत्तरप्रदेश के सभी लोकसभा सीटों पर अकेले के दम पर 2019 में चुनाव लड़ने घोषणा कर चुकी कांग्रेस पार्टी को पूर्वांचल में जीवनदान देने के लिये प्रियंका गांधी को प्रभार सौंपा गया है। श्रीमती गांधी को पहली बार अधिकारिक रूप से कांग्रेस पार्टी में शामिल करते हुये उन्हें महासचिव का पद दिया गया है। यह नियुक्ति कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने की है।
गौरतलब हो कि हर चुनाव से पहले प्रियंका गांधी का नाम फिजां में तैरने लगता है। यूपी में मुतप्राय हो चुकी कांग्रेस को संजीवनी देने के लिये कांग्रेस हमेशा प्रियंका को मैदान में लाने की मांग करते रहे हैंं। कांग्रेसियों की इस मांग को पूरी करते हुये प्रियंका गांधी वाड्रा को पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है, प्रियंका फरवरी के पहले सप्ताह से अपनी जिम्मेदारी को संभाल लेंगी।
बता दें कि काफी लंबे समय से कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मांग थी कि प्रियंका गांधी को राजनीति में आना चाहिए, जिसे अब पूरा किया गया है। प्रियंका गांधी इससे पहले भी रायबरेली और अमेठी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए प्रचार प्रसार करती रही हैं। हालांकि हर चुनाव में सक्रिय रहने वाली श्रीमती वाड्रा चुनाव के बाद गायब हो जाती हैं।
गौरतलब है कि 2019 का लोकसभा चुनाव काफी निर्णायक होने वाला है, इसमें उत्तर प्रदेश की भूमिका काफी अहम है उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साथ आने से समीकरण पूरा बदल गया था, दोनों पार्टियों ने कांग्रेस को गठबंधन में शामिल नहीं किया था। यह अवश्य है कि कांग्रेस के लिये दोनों पार्टियों ने अमेठी और रायबरेली सीट को छोड़ दिया था। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया था कि अभी लोग कांग्रेस पार्टी को हल्के में ले रहे हैं लेकिन 2019 का चुनाव पूरी दमखम के साथ लोकसभा चुनाव लड़ेगी और सभी को सरप्राइज भी कर देगी। कांग्रेस को उम्मीद है कि भले ही प्रियंका को पूर्वांचल की जिम्मेदारी दी गयी हो किन्तु इसका असर पूरे प्रदेश पर पड़ेगा।