वाराणसी। पाकिस्तान पर एअर स्ट्राइक से बढ़ी मोदी की चमक से चैंधियायी कांग्रेस मोदी को मोदी की काशी में ही घेरने की एक बड़ी चाल चल दी है। कांग्रेस को भरोसा है कि मोदीमय हवा में प्रियंका तुरूप का इक्का साबित होंगी। अपनी गंगा यात्रा से प्रियंका ने भी मोदी सरकार की दुखती रगो पर अंगुली रखकर सिर्फ भाजपा के लिये ही चुनौती नहीं बनायी बल्कि सपा बसपा के महागठबंधन के लिये भी सिरदर्द बढ़ा दिया है। वैसे बसपा पूर्व से ही कांग्रेस से सावधान रही है। उसे मालुम है कि यदि कांग्रेस दलितों की दुःखती रग पर हाथ रखा और दलितों से अपने पुराने रिश्तों को याद दिला पायी तो बसपा की मूल पूंजी को संजोये रख पाना मुश्किल होगा।
मीरजापुर कंतित शरीफ की मजार पर जिस उत्साह के साथ मुस्लिमों ने प्रियंका का स्वागत किया और मजार के पुजारी ने जिस आत्मबल से से उन्हें सफल होने की दुआ दी, उससे सपा के कान भी खड़े हो गये हैं। सपा बसपा को गंगा तटवर्ती अति पिछड़ों और दलितों की भीड़ द्वारा गंगा घाटों पर प्रियंका का किया गया स्वागत भी कचोटने लगा है। भाजपा के लिये प्रियंका अवतरण अनचाही बाधा से कम नहीं है। तब और जब उनकी शैली भी मोदी स्टाइल में जनसंवाद करने की हो। जन से जुड़े मुद्दे उठाने और जनअपेक्षा को कुरेदने वाली हो।
मोदी के काशी में रूद्राक्ष माला पहने प्रियंका ने जिस तरह बाबा विश्वनाथ का पूजन और जलाभिषेक किया। माथे पर भष्म समेत पीला लाल चंदन लगाये जनता के बीच पहुंची उससे उन्होंने पूरी तरह आस्तिक हिन्दू महिला होने के संदेश दिया। कांग्रेस का हर कार्यकर्ता मजबूत है, का दावा करके उन्होंने जिस तरह कार्यकर्ताओं को सम्मान और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया वह भी कम चालाकी वाला कदम नहीं था। प्रियंका जिस शालीनता और सरलता से जनता से रूबरू हुई उससे यही संदेश गया कि कांग्रेस के पास अभी भी ऐसा नेता मौजूद है। जिसमें इंदिरा की छवि और जनवेदना का अहसास समाया हुआ है। प्रियंका की गंगा यात्रा कांग्रेस की बड़ी चाल मानी जा रही है। जिसकी नायिका प्रियंका गांधी वाड्रा हैं।